रायपुर। एक तरफ जहां निजी स्कूलों को अपनी फीस की पड़ी है, तो भूपेश सरकार ने इसका भी तोड़ निकाल दिया है। सरकार के प्रवक्ता मंत्री रविन्द्र चौबे और स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने स्पष्ट कर दिया है कि जनरल प्रमोशन का आदेश सभी स्कूलों का मानना पड़ेगा, चाहे निजी हो या फिर सरकारी। आदेश के उल्लंघन पर किस तरह की सख्ती बरती जाएगी, इसका खुलासा होना अभी बाकि है, लेकिन सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जो बच्चे जिस कक्षा में हैं, उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाएगा।
वहीं यह भी कहा गया है कि जिन स्कूलों के बच्चों को प्रमोशन नहीं मिलेगा, उनकी टीसी रोकी जाएगी, उन्हें सरकारी स्कूलों में बगैर टीसी के दाखिला मिलेगा। सरकार का कहना है कि कोरोना की वजह से बच्चों की शिक्षा पर व्यवधान आया है, लेकिन उनके प्रमोशन को रोककर साल बर्बादी जैसा कृत्य नहीं किया जा सकता। लिहाजा सरकार का फैसला नहीं बदला जाएगा।
पालकों को बड़ी राहत
निजी स्कूलों के स्वार्थी रवैये की वजह से ज्यादातर पालक तनावग्रस्त हो गए थे, लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद उन्हें काफी ज्यादा राहत मिली है। पालकों का कहना है कि इस कोरोना काल की वजह से पहले ही काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में स्कूल प्रबंधन की ज्यादती ने उन्हें ज्यादा टेंशन देना शुरू कर दिया है। पालकों का कहना है कि स्कूल नहीं लगने पर रियायत मिलनी चाहिए, लेकिन स्कूल प्रबंधन केवल निजी स्वार्थ को पूरा करने में तुला हुआ है।
होनी चाहिए सख्त कार्रवाई
स्कूलों के इस रवैये को लेकर पालकों में जबरदस्त रोष देखने में आया है। पालकों का साफ कहना है कि प्रदेश में इन निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए सरकार को कड़ा फैसला लेने की जरुरत है। पालकों का कहना है कि मनमानी के खिलाफ स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।