रायपुर। सप्ताहभर पहले तक ऐसी अफरा-तफरी नहीं थी, ना ही कोई बड़ी चर्चा हो रही थी। फिर अचानक से ऐसा कुछ हुआ कि सरकार से लेकर आला अधिकारी, पुलिस प्रशासन, नगर निगम और सभी प्रमुख अस्पतालों के डाॅक्टर और उनका स्टाफ इतना ज्यादा सक्रिय हो गया। बात बेहद गंभीर हो चली है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता, तभी जाकर बार-बार चेतावनी दी जा रही है, समझाने की कोशिश हो रही है, सख्ती का रवैया अख्तियार करना पड़ रहा है। आखिरकार बात सेहत की है, जो किसी एक से नहीं बल्कि एक मोहल्ले से शहर, जिला, प्रदेश और फिर देश के लोगों की है।
प्रदेश में कोरोना का कोहराम कैसे सिर चढ़कर तांडव कर रहा है, इसका अहसास बीते एक सप्ताह के दौरान हो चुका है। इस बात को आम नागरिकों को भी समझने की जरुरत है कि वे कितने भी सेहतमंद क्यों ना हो, कोरोना की दस्तक उस घमंड को चकनाचूर करने के लिए पर्याप्त है। इस महामारी के सामने ना तो युवा लग रहे हैं और ना ही बुजुर्ग। इस महामारी ने सभी को एक ही तराजु में तौल रखा है।
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जो जितना सतर्क है, प्रोटोकाॅल का पालन कर रहा है, उसके आगे कोरोना नाक रगड़-रगडकर थक जाएगा, पर कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। लेकिन एक छोटी सी चूक की वजह से एक व्यक्ति नहीं, पूरा परिवार, पूरा मोहल्ला, पूरी काॅलोनी और पूरा शहर तबाह हो सकता है। शायद राजधानी के पं. जवाहर लाल नेहरु मेडिकल काॅलेज के कोविड-19 वार्ड प्रभारी डाॅ. सुंदरानी और एम्स के कोविड-19 वार्ड के प्रभारी डाॅ. जिंदल इसी बात को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
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