रायपुर। राजधानी के भाठागांव इलाके में माॅस्क के नाम पर तैनात नगर निगम की महिला कर्मियों ने जिस तरह की हरकत की है, वह किसी भी कीमत में गले से नहीं उतर सकती। एक आम शहरी से, जबकि वह गलत नहीं है ना तो रोकने का अधिकार बनता है और ना ही उसे कुछ कहने का। इसके बावजूद एक युवती और उसकी बुजुर्ग मां को रोका जाना, उनसे जुर्माना वसूल करने की कोशिश करना, बहस करना और फिर मारपीट करना भला कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है। वहीं उन महिला कर्मियों का यह कहना कि ’’हम चाहे जो करें, शासन ने उन्हें अनुमति मिली है’’। सर्वथा गलत है, क्योंकि सरकार नागरिकों के साथ ऐसी ज्यादती का अधिकार नहीं दे सकती।
यह पूरा मामला भाठागांव अंडरब्रिज का है, जहां पर एक दोपहिया सवार युवती और उसकी बुजुर्ग महिला से नगर निगम की तैनात महिला कर्मियों ने बदसलुकी की है। उन्होंने स्कार्फ पहनी हुई युवती और उसकी मां को माॅस्क नहीं पहने होने की बात कहते हुए जबरिया चालान वसूलने की कोशिश की। इस जबरदस्ती का विरोध हुआ, तो महिला कर्मियों ने झगड़ा शुरू कर दिया और युवती पर हाथ भी उठाया।
जबरदस्त विरोध का माहौल
इस पूरी वारदात को लेकर आम जनता में जोरदार आक्रोश का माहौल नजर आया। युवती और उसकी मां से हुई बदसलुकी को लेकर लोगों ने विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने की भी बात कही जा रही है।
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