नई दिल्ली। कोरोना के दंश को झेलते हुए भारत को पूरा एक साल हो चुका है। इस महामारी की वजह से लाखों लोग मौत की आगोश में खो चुके हैं, तो अब भी लाखों लोग इस महामारी की चपेट में जीवन से संघर्ष कर रहे हैं। घर हो या बाहर, कहानी एक जैसी ही है। खौफ और आशंका से भरे दिनचर्या में लोगों का दिन कट रहा है। इसके बाद भी यह लगता है कि सबकुछ बस कल ही की तो बात है।
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ’’मन की बात’’ का 75 वां अंक देश के सामने रखा है। उन्होंने भी बीते एक साल को याद करते हुए कहा कि देश और दुनिया ने कोरोना की वजह से जैसी करवट ली है, बिल्कुल सोच से परे है। इस कोरोना की वजह से क्या खोया, क्या पाया इस पर यदि सूक्ष्मता से विश्लेषण किया जाए तो देश और दुनिया ने बहुत कुछ खो दिया है। लेकिन इस कोरोना ने सिखाया भी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सालभर पहले कोरोना ने देश में दस्तक दी थी। और तब ही देश के साथ दुनिया ने जाना था कि जनता कर्फ्यू क्या होता है। पीएम मोदी ने देश की जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमने जो कुछ खोया उसकी वापसी संभव नहीं है, लेकिन जो है, उसे बचाना हमारा दायित्व है।