रायपुर। आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से एक ऐसा जाना-पहचाना नाम है, जिनकी मुखरता अविश्वसनीय रही है। छत्तीसगढ़ के विभाजन से पहले मध्यप्रदेश में दिग्गी राजा की सरकार में बतौर राजस्व मंत्री सीएम बघेल ने अपनी जो पहचान साबित की थी, इतना आसान नहीं था। विभाजन के बाद छत्तीसगढ़ की पहली सत्ता कांग्रेस के हाथ में आई थी। उस वक्त भले ही राजनीतिक कारणों से मुख्यमंत्री का सेहरा दिवंगत अजीत जोगी के सिर-माथे पर सजा, पर तब भी सत्ता के गलियारों में सीएम बघेल कम चर्चा में नहीं थे।
वक्त बीता, राजनीति का पहिया घुमा और सत्ता भाजपा के हाथों में आ गई। फिर राजनीतिक तुष्टीकरण की वजह से सीएम बघेल को मौका नहीं दिया गया, लेकिन बीते दशक के अंत में ही सही, कांग्रेस में धु्रवीकरण समाप्त हुआ और संगठन की बागडोर भूपेश बघेल के हाथों में सौंप दी गई। पार्टी आलाकमान का विश्वास था कि बघेल के हाथ में यदि कमान सौंप दी जाए तो कुछ नया हो सकता है। वह विश्वास ऐसी हकीकत में तब्दील हो जाएगा, किसी ने सोचा नहीं था लेकिन तात्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भूपेश बघेल को जरुर इस बात का विश्वास था कि वक्त का पहिया तेजी से घुमेगा और सत्ता की कुंजी कांग्रेस के हाथों में होगी। तब उन्हें खुद को नहीं पता था कि सत्ता की कुंजी देने के लिए विश्वास उन पर ही किया जाएगा।
संगठन की बागड़ोर अपने हाथों में लेने के बाद उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस की खोई हुई साख को लौटाने के लिए जिस तरह से जी-तोड़ मेहनत की, उसका नतीजा था कि प्रदेश में कांग्रेस ने जोरदार तरीके से वापसी की और पार्टी आलाकमान का भरोसा भी बढ़ा, जिसकी वजह से सत्ता का ताज भी भूपेश बघेल के सिर ही बांधा गया।
हाथ में सत्ता आने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने किए हुए वायदों पर अमल करना शुरू किया। किसानों का कर्जा माफ किया, तो केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिलने के बावजूद प्रदेश कि किसानों को 2500 रुपए का समर्थन मूल्य धान पर दिया। इसके अलावा प्रदेश के पशुपालकों की आय में वृद्धि का रास्ता खोज लिया और गोधन न्याय योजना और गोबर योजना का लाभ दिया। वहीं वनोपज में मामले में प्रदेश ने जैसी तरक्की की, उसका साहस पूर्व की सरकार कभी नहीं कर पाई।
सीएम बघेल की योजनाओं को आज देश की सरकार भी अमल कर रही है। विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में इन योजनाओं को सम्मानित किया जा रहा है, तो दूसरे राज्यों में भी अनुशरण किया जाने लगा है।
यही वजह है कि देश में प्रधानमंत्री मोदी को जिस लिस्ट में सबसे ताकतवर राजनीतिक शख्स का सम्मान मिला है, प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री बने भूपेश बघेल को उन 100 सर्वाधिक ताकतवर लोगों में शामिल किया गया है। चरम यह है कि सीएम बघेल उन प्रथम 30 लोगों में शामिल हैं और 26 वें स्थान पर हैं, जिस सूची को बेहद खासतौर पर जारी किया जाता है।