छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारियों को सरकार ने होली से पहले 360 करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। यह 7वें वेतन आयोग के बकाये की तीसरी किश्त थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गैर मौजूदगी में इस आदेश की फाइल पर हस्ताक्षर नहीं हो पाये। जिसकी वजह से होली से पहले सरकारी कर्मचारियों को उसका लाभ नहीं मिल पाया। अब उनके लौटने के बाद 28 मार्च यानी रविवार को वित्त विभाग ने बकाया भुगतान का आदेश जारी किया।
पिछले 21 मार्च को प्रदेश के 1 लाख 81 हजार राज्य कर्मचारियों और अधिकारियों को 7वें वेतनमान के बकाये की तीसरी किश्त देने का फैसला हुआ था। एक जुलाई 2016 से 30 सितम्बर 2016 तक लिये बकाये की तीसरी किश्त में 360 करोड़ रुपए जारी होने थे। अधिकारियों ने बताया, कोरोना संकट की वजह से प्रदेश की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई थीं। इसकी वजह से सरकार ने कई खर्च में कटौती के तहत पिछले साल मिलने वाली तीसरी किश्त का भुगतान भी टाल दिया था। अब जब अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है तो यह किश्त जारी करना है। फैसले के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारों का प्रचार करने चले गये। इसकी वजह से वित्त विभाग इस आदेश की नोटशीट पर उनका हस्ताक्षर नहीं ले पाया।