देवकर:- ज़िला प्रशासन द्वारा साजा विकासखंड के चार नगर पंचायत साजा, परपोड़ी, देवकर व थानखम्हरिया में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आकड़े को देखकर लॉकडाउन लगाया गया है।जिसके जरूरी किराना-राशन सामानों के लिए सीमित समय के लिए सीमित दुकान खुल रहे है।जिसमे अब स्थानीय व्यापारियों द्वारा इस भीषण आपदा को अवसर में बदलकर मुनाफाखोरी, कालाबाज़री का गोरखधंधा कर रहे है।जिस पर प्रशासनिक अफसरों की कार्यवाही जरूरी हो गयी है।
जानकारी के मुताबिक जब से नगर पंचायत देवकर में लॉकडाउन की घोषणा हुई है तब से किराना व्यापारियों के दुकानों में ग्राहकों को जरूरी सामानों की कमी बताई जा रही है।वही उसी के एवज में तय रकम से ज्यादा बड़ी रकम लेकर उस सामान को लोगों को बेच रहे है।जिसे मजबूरी वश ग्राहक लेकर अपनी उपयोगिता पूरी कर रहा है।लिहाजा आम नागरिक कुछ स्थानीय व्यापारियों के महामारी के इस भीषण दौर में काली कमाई करने से असन्तोष है, वही अन्य व्यापारी भी मुनाफाखोरी वाले व्यापरियों से नाराजगी है।जिसपर प्रशासनिक कार्यवाही की इंतज़ार अब होने लगी है।
माना कि कोई ग्राहक किसी दुकानदार से तम्बाकू, गुड़ाखु, गुटखा और बीड़ी लेने जाता है तो उसे स्टॉक खत्म होने वाला है करके बोला जाता है जिसके बाद उसे कई गुना कीमत बढ़ाकर उसी ग्राहक को दिया जाता है।जो कि नियमतः अनुचित है।नगर में इस तरह के कालाबाजारी एवं गोरखधंधा कर मुनाफाखोरी कमाने वाले से समस्त व्यापारी भी नाराज़ है,क्योंकि उनकी कार्य स्वरूप के कारण पुरे व्यापारी वर्ग पर सवाल उठने लगता है, जिससे प्रशासनिक स्तर पर किरकिरी मचती है।जिससे प्रशासन पर भी कार्यवाही का दबाव बढ़ जाता है।चूंकि यह गतिविधि पिछले साल के लॉक डाउन में खूब प्रचलित रही जो अब प्रशासनिक अफसरों की ढील का जमकर फायदा उठाने की कोशिश में है।वर्तमान में साजा विकासखंड के नगर पंचायत देवकर, साजा, थानखम्हरिया, परपोड़ी सहित उपनगरीय इलाको में भी इसी तरह की गतिविधियां बढ़ने की जानकारी मिलने लगी है।जिससे अधिकारियों की सक्रियता पर सवाल उठना लाजिमी है।