रायपुर। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सचिव एवं राहत आयुक्त रीता शांडिल्य ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों को पत्र जारी कर इस साल भीषण गर्मी की संभावना को देखते हुए लू से बचाव एवं प्रबंधन करने आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। राहत आयुक्त ने इस संबंध में सभी कलेक्टर्स को अपने-अपने जिले में एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करने तथा प्रतिदिन लू से प्रभावितों की जानकारी राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा कलेक्टरों को अपने जिलों में लू से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
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लू के विभिन्न लक्षण जैसे –
सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी का आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना। साथ ही शरीर का तापमान अधिक होने पर पसीना आना एवं भूख कम लगना, बेहोश होना।
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लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार
बुखार पीडि़त व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगावें। अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलावें जैसें कच्चे आम का पन्ना, जलजीरा आदि, पीडि़त व्यक्ति को पंखें के नीचे हवा में लेटा देवें, शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहे, पीडि़त व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सक, अस्पताल या स्वास्थ्य केन्द्र में मरीज को पहुंचाना चाहिए, प्रारंभिक सलाह के लिए आरोग्य सेवा केन्द्र दूरभाष नंबर 104 पर तत्काल निःशुल्क परामर्श लिया जा सकता है।
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भी सभी को मास्क लगाना जरूरी है तथा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के बीच दो गज की दूरी बनाए रखें। हाथ बार-बार साबुन से धोते रहे या सेनेटाईजर से हाथों की बार-बार सफाई करते रहना चाहिए