पापा भीख मंगवाते हैं, मैं मना करती हूं तो जलती हुई सिगरेट मेरे सिगरेट में दागते हैं। मैं नरक से भी बदत्तर जिंदगी जी रही हूं। मैडम मुझे घर नहीं जाना, मुझे पढ़ाई करनी है, इसलिए मैं घर छोड़कर भाग आई, मुझे जेल में डाल दो, चाहे नरक में लेकिन मुझे घर नहीं जाना। यह शब्द रोते हुए एक 14 वर्षीय किशोरी ने सीडब्ल्यूसी की चेयरपर्सन पदमा रानी को काउंसलिंग के दौरान कहे।
सीडब्ल्यूसी चेयरपर्सन पदमा रानी ने बताया कि उन्हें गत 28 मार्च होली की रात करीब आठ बजे वार्ड 10 के पार्षद रविंद्र भाटिया से सूचना मिली थी कि करीब 14 वर्षीय एक किशोरी सेक्टर- 12 में 548 के बाहर बैठी हुई रो रही है। इसी सूचना पर उन्होंने सेक्टर 11-12 चौकी पुलिस को मौके पर भेजकर किशोरी को रेस्क्यू कराया।
बच्ची से बातचीत करने का प्रयास किया लेकिन वह डरी थी, जिस वजह से वह बोल नहीं पाई। उन्होंने किशोरी का मेडिकल कराया और उसके बाद उझा रोड स्थित सृष्टि कल्याण समिति ओपन शेल्टर होम में भिजवा दिया। वहीं मंगलवार को बच्ची की काउंसलिंग की गई। जिसमें बच्ची ने हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं।
पिता रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर मंगवाता है भीख
किशोरी को मंगलवार को काउसंलिग के लिए सीडब्ल्यूसी कार्यालय बुलाया गया। जहां पर किशोरी ने काउंसलिंग के दौरान बताया कि वह मूलरूप से बिहार की रहने वाली है। उसके चार भाई हैं। जिनसे भी पिता रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भीख मंगवाता है।
10 रुपये लेकर घर से निकली, नहीं पता था कहा जाना
किशोरी ने काउंसलिंग में बताया कि वह पिता की प्रताड़ना से परेशान हो चुकी है। भीख में मिले 10 रुपये लेकर वह निकल पड़ी। उसने ऑटो लिया, 10 रुपये में ऑटो चालक उसे सेक्टर 11 के पास छोड़ दिया। उसे नहीं पता था कि वह कहां जहा रही है लेकिन एक लक्ष्य था कि घर नहीं जाना है।
किशोरी के शरीर पर मिले सिगरेट के दागे 40 से अधिक निशान
सीडब्ल्यूसी अधिकारी पदमा रानी ने कहा कि बेरहम पिता ने किशोरी के शरीर पर सिगरेट से 40 से अधिक जगह दागा है। जिस कारण किशोरी डरी हुई है। वह घर नहीं जाना चाहती, उसका कहना है कि अगर वह घर जाएगी तो पिता उसके साथ मारपीट करेगा। किशोरी ने कहा कि वह पढ़ना चाहती है और कुछ बनना चाहती।