(नगर की सियासी घटनाक्रम दोनों पार्टी के ज़िलाध्यक्षों की कार्यशैली व योगदान पर उठ रहा सवाल)
थान-खम्हरिया:– प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुए महज ढाई वर्ष होने को हैं।इसी बीच धमधा-साजा विधानसभा के मुख्य राजनीतिक धुरी के रूप में जाने जाने वाले थान खम्हरिया इन दिनों राजनीतिक फेरबदल का अखाड़ा बना हुआ है।अवगत हो कि नगरीय निकाय चुनाव अंतर्गत थान खम्हरिया में नगर पंचायत का चुनाव हुए महज सवा वर्ष ही हुए है, कि डेढ़ माह पूर्व सत्तासीन भाजपा के तीन पार्षदों ने अचानक सामाजिक मंच में क्षेत्र के कद्दावर नेता व केबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे के समक्ष कांग्रेस का दामन थाम लिया।जिसमे जिला कांग्रेस कमेटी बेमेतरा के अध्यक्ष बंशी पटेल व ब्लाक कांग्रेस पदाधिकारीयो ने कांग्रेसी गमछा पहनाकर तीनो पार्षदो का ससम्मान कांग्रेस में स्वागत किया।इस घटनाक्रम से नगर की राजनीति में भूचाल आ गया।जिसमे भाजपा के निर्वाचित पार्षद अपने मूल पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में जाने के सम्बंध में तो चुप्पी साधे रखा पर कांग्रेस पार्टी ने जिला भाजपा अध्यक्ष के नाक के नीचे से तीन पार्षदो को कांग्रेस में शामिल करवा कर करारी शिकस्त दी।
थान खम्हरिया के कांग्रेसी खेमे में तब खलबली मच गई जब राज्य में सत्तासीन कांग्रेस व कृषि मंत्री के खासमखास रहे नगर के वार्ड क्रमांक 11 के कांग्रेसी पार्षद एवं महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति अध्यक्ष व एनएसयूआई के युवा नेता ने इस्तीफा देते हुए लेटर सोशल मीडिया में वायरल किया।
कांग्रेस पार्षद का इस्तीफा के झटका से कांग्रेस उबर ही नही पाया था कि एक बार फिर नगर के सीधा सादा व समाज व क्षेत्र मे मजबूत पकड़ रखने वाले जिला कांग्रेस महामंत्री ने इस्तीफा की पेशकश कर कृषि मंत्री के अब तक के राजनीतिक जीवन का तगड़ा झटका देकर चिंता बढ़ा दी,
ज़िला भाजपा अध्यक्ष के गृहनगर होने के बावजूद तीन पार्षद दल बदलने में सफल,कार्यशैली पर सवाल
चूंकि नगर थान-खम्हरिया में बेमेतरा ज़िला के भाजपा अध्यक्ष नगर के रहवासी है।इसके बावजूद उनके ही नगर क्षेत्र में तीन पार्षदों का दलबदल एक प्रकार से उनकी राजनीतिक कार्यकुशलता पर सवाल खड़ा कर दिया है। क्योंकि इससे पहले साजा विधानसभा के ही देवकर नगर पंचायत में चार पार्षदों सहित अध्यक्ष ने भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल होकर क्षेत्रवासियों को चौंका दिया था।
जबकि पूरे जिले भर में सिर्फ दोनो नगर पंचायत में भाजपा का परचम चुनाव में लहराया था, जो अब स्वतः ही विधानसभा के साथ जिलेभर के नगरीय निकायों का कांग्रेसीकरण हो गया नगर ।जबकि थान खम्हरिया से कुछ किलोमीटर दूर पर निकट ही कवर्धा ज़िले के रामपुर(ठाठापुर) में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का गृहग्राम है जिसके कारण समूचे क्षेत्र में उनका जबरदस्त प्रभाव है।
थान खम्हरिया क्षेत्र में ज़िला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष का जबरदस्त प्रभाव के बावजूद इस्तीफा
बरहहाल अब सवाल यह उठना लाजिमी है कि धमधा-साजा विधानसभा के हाईप्रोफाइल थान खम्हरिया नगर पंचायत के सीट पर कांग्रेस पार्टी पूर्व में तीन भाजपा पार्षदो को कांग्रेस में शामिल करने का दम्भ भरे अथवा एक पार्षद सहित दो अन्य पदाधिकारियो का इस्तीफा का गम मनाये।जबकि थान-खम्हरिया क्षेत्र के समीप के ग्राम में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बंशी पटेल का गृहग्राम है।जिसके कारण क्षेत्र में उनका जबरदस्त प्रभाव है।बावजूद इसके दो प्रभावी पदाधिकारी के इस्तीफे से चर्चे का बाजार गर्म है।नगर एवं क्षेत्रवासियों को मानना है कि एक तरफ पूरे राज्य में अन्य पार्टी छोड़कर कांग्रेस प्रवेश कर रही हैं। तो वही साजा विधानसभा के थान खम्हरिया की राजनीति में नित नए हो रही घटना क्रम ने कांग्रेस व क्षेत्रीय विधायक के कार्यशैली पर भी प्रश्नचिन्ह लगा दिया कि आखिर कांग्रेस छोड़ने के पिछे क्षेत्रीय विधायक जिम्मेदार हैं कि पार्टी संगठन या स्थानीय राजनीति की गुटबाजी ही असल कारण है।यह तो आनेवाला वक्त ही बताएगा।फिलहाल ताज़ा घटनाक्रम से थान खम्हरिया में सियासत का पारा चढ़ा हुआ है।