नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती करने का फैसला 24 घंटे में ही वापस ले लिया। इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सफाई देते कहा कि यह आदेश गलती से जारी हो गया था। सरकार के इस बयान से विपक्ष की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। दरअसल, बुधवार रात ही खबर आई थी कि फाइनेंशियल ईयर 2021-22 की पहली तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटा दी गई है, लेकिन अब ये फैसला वापस ले लिया गया है।
वित्त मंत्री ने ट्वीट में कहा, भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें वहीं रहेंगी जो वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही में थीं। गलती से जारी हुआ आदेश वापस ले लिया गया है। वित्त मंत्री के इसी गलती या गफलत शब्द पर विपक्ष को हमला करने का मौका मिल गया है।
Interest rates of small savings schemes of GoI shall continue to be at the rates which existed in the last quarter of 2020-2021, ie, rates that prevailed as of March 2021.
Orders issued by oversight shall be withdrawn. @FinMinIndia @PIB_India
— Nirmala Sitharaman (Modi Ka Parivar) (@nsitharaman) April 1, 2021
विपक्ष ने किया पलटवारपूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगली तिमाही के लिए बचत योजनाओं पर ब्याज दरों का ऐलान एक नियमित चलन है। सरकार के 31 मार्च के रिलीज में कुछ भी गफलत में नहीं हुआ है। बीजेपी सरकार ने मध्यम वर्ग के ब्याज में कटौती कर एक और चोट पहुंचाने का निर्णय लिया था। पकड़े जाने पर वित्त मंत्री इसे चूक बता रही हैं।
उन्होंने कहा कि जब मुद्रास्फीति लगभग 6 प्रतिशत है और बढ़ने की उम्मीद है, तो भाजपा सरकार बचतकर्ताओं और मध्यम वर्ग को 6 प्रतिशत से कम ब्याज दर दे रही है, जो पूरी तरह अनुचित है।