धरसींवा। मन सरकार में पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक रहे डॉक्टर अशोक चर्तुवेदी के खिलाफ धरसींवा विधायक अनिता योगेंद्र शर्मा ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। विधायक ने सोनिया गांधी से गुजारिश की है कि अशोक चतुर्वेदी पर लगे आरोपों की जांच हो साथ ही रमन सरकार में महत्वपूर्ण और प्रभावशाली पद पर नियुक्ति की भी पड़ताल हो। विधायक ने सीधे-सीधे पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में हुई उनकी नियुक्ति से निष्ठावान कांग्रेसियों के दु:खी होने की बात कही है। इस मामले में अशोक चतुर्वेदी के कार्यकाल की गहन जांच कराने की भी मांग उठी है।
अनीता शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर रमन सिंह के कार्यकाल में पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक रहे डॉ अशोक चर्तुवेदी के खिलाफ खुलकर शिकायत की है। उन्होने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस की सरकार चुनते समय जनता के मन में पूरी आशा थी कि बीजेपी के 15 साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ को लूटने खसोटने वाले अधिकारी तंत्र का अंत होगा। उन्होने आगे लिखा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार में आते ही भाजपा सरकार के कार्यकाल के सभी अराजक और भ्रष्ट तत्वों पर करारा प्रहार किया और ये प्रक्रिया सतत जारी है। लेकिन अभी भी कुछ अफसर ऐसे है जो नियम कायदे और व्यवस्था को दरकिनार कर पद और अधिकारों का दुरूपयोग कर निजी फायदे और करीबी लोगों को भ्रष्टाचार के तंत्र का फायदा दिलाने के लिए उपयोग करते हैं। उनमे से एक हैं डॉ अशोक चतुर्वेदी। अशोक चतुर्वेदी पर भूपेश सरकार ने कड़ी कार्रवाई की और उनके खिलाफ अपराध और एंटीकरप्शन ब्यूरो में कई अपराध दर्ज किए । उन पर आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में गडबडी कर करोड़ों की अनियमितता की और अपने करीबी संस्था को टेंडर दिलवाया । यही नहीं ब्लैक लिस्टेड संस्थाओं को करोड़ों का काम दिलवाया । इसके बावजूद डॉ अशोक चर्तुवेदी राज्य कार्यक्रम प्रबंधक दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना राज्य अजीविका मिशन । मिशन संचालक राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन जैसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति पाने में सफल रहे है।
सोनिया गांधी को लिखे पत्र में अनिता शर्मा ने डॉ अशोक चतुर्वेदी के पूरे कार्यकाल का काला कच्चा चिठ्ठा खोल दिया है । उन्होंने लिखा हैं कि डॉ अशोक चतुर्वेदी मूलतः पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में संयुक्त आयुक्त हैं। छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम में उनके कार्यकाल में गड़बड़ी की जानकारी मिलने पर सरकार ने 2019 में उनकी वापसी मूल विभाग में कर दी थी । जिस पर डॉ अशोक चतुर्वेदी ने हाईकोर्ट से स्थगन हासिल कर लिया था । अशोक चतुर्वेदी पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक पद पर नियुक्ति के लिए तत्कालीन सरकार में तत्कालीन विधायक देवजी भाई पटेल के कारण नियमों को शिथिल कर दिया था । सेवा नियमों के अनुसार महाप्रबंधक का पद प्रथम श्रेणी के अधिकारी से भरा जाता है । लेकिन 2015 में डॉ अशोक चतुर्वेदी जो द्वितीय श्रेणी के अधिकारी थे और महाप्रबंधक पद के तय मापदंडों पर खरे नहीं उतर रहे थे । उन्हें राजनीतिक पहुंच का फायदा उठा कर नियम विरुद्ध नियुक्ति दे दी गई। अनिता शर्मा ने सोनिया से प्रार्थना की है कि डॉ अशोक चर्तुवेदी के पूर्व और वर्तमान कार्यकाल की गहन जांच की जाए और उन्हे संरक्षण और सहायता देने वालों को बेनकाब कर कांग्रेस के जनाधार और लोकप्रियता की रक्षा की जाए।