जबलपुर में रिश्तों में धोखे के बाद बेटे ने पिता की हत्या करा दी। बेटे ने अपनी पत्नी को पिता के साथ आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। इस पर उसने 4 दोस्तों को पिता की हत्या के लिए सुपारी दे दी। यही नहीं, हत्या के बाद शव को सड़क किनारे जंगल में सूखे पत्ते डाल कर जला भी दिया गया था। इसके बादबेटे ने थाने में पिता की गुमशुदगी भी दर्ज करा दी ।
क्या था पूरा मामला ?
28 मार्च की दोपहर में गढ़ गोरखपुर के पास बरगी-घंसौर रोड किनारे अधजली लाश मिली थी। सीनियर बीट गार्ड अमित त्रिपाठी ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। शव को पोस्टमॉर्टम के बाद दफना दिया गया। एसपी ने मामले के खुलासे पर 10 हजार का इनाम घोषित किया था। 31 मार्च को सिवनी जिले की घंसौर थाने में बरोदा माल निवासी रम्मूबाई चचेरे भाई जोध सिंह पटेल के साथ पति शैल कुमार उर्फ शिल्लू पटेल की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।
पुलिस को बताया कि 26 मार्च को घर से गांव के आयुष शर्मा और मनोज उर्फ पंडा बैगा के साथ बाइक से निकले थे, लेकिन फिर नहीं लौटे। शैल पटेल खेती-किसानी के साथ दूध का व्यवसाय करता था। पुलिस ने परिवार को बताया गया कि 28 मार्च को जबलपुर के बरगी क्षेत्र में एक अधजली लाश मिली थी। परिवार वालों को लाश की फोटो भी दिखाई। पत्नी ने अधजले शव के गले की माला, पैर में पहने लोहे का कड़ा देख पहचान कर ली। घुंसौर पुलिस ने बरगी पुलिस से ये जानकारी साझा की।
कैसे खुला हत्या का राज ?
पुलिस जब शव को निकलवाकर अंतिम संस्कार करवा रही थी उसी दौरान घर पर पत्नी के बयान भी दर्ज हो रहे थे । जिसमे शैलू की पत्नी ने बताया कि उसका पति बेटे और उसके दोस्त के साथ बाइक में गए थे।इसके बाद पुलिस ने बेटे प्रमोद को श्मशान घाट से उठाया और पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया।
प्रमोद ने कहा कि वो अपने बाप को घंसौर तक लेकर गया था। वहां से मनोज उर्फ पंडा बैगा, राहुल नेमा और राहुल यादव कार से शैलू को लेकर कहीं चले गए थे।जिसके बाद पुलिस ने तीनों को ही हिरासत में लेकर पूछताछ की और खुल गया हत्या का राज ।
बहू पर रखता था गलत नीयत
पूछताछ में बेटे प्रमोद ने पुलिस से कहा, पिता उसकी पत्नी पर बुरी नीयत रखते थे। 7 दिन पहले ही उसने पिता को पत्नी के साथ देख लिया था। पत्नी से पूछताछ की तो उसने रोते हुए बताया कि कई दिनों से वह उसके साथ छेड़छाड़ करते हैं। जिसके बाद प्रमोद ने राहुल, आय़ुष और राहुल के साथ मिलकर हत्या का प्लान बनाया।
ऐसे की गई शैलू की हत्या
एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि साजिश के मुताबिक आयुष शर्मा और मनोज उर्फ पंडा बैगा 26 मार्च को शैलू को ढूंढ़ते हुए उसके घर गए। उस समय शैलू खेत में था। दोनों उसकी पत्नी रम्मू बाई से पूछकर लौट रहे थे, तभी शैलू मिल गया। दोनों ने उसे गांजा पिलाने के बहाने बाइक पर बिठाया और ले गए। घंसौर तिराहे पर राहुल नेमा अपने ड्राइवर राहुल यादव के साथ कार से मौजूद था। तिराहे पर ही दोनों बाइक खड़ी कर शैलू के साथ कार में सवार हो गए।
रास्ते में पांचों ने हाथ-घूंसों से मारपीट की और रस्सी से गला कसकर शैलू को मार डाला। कार से चारों आरोपी शैलू को लेकर घंसौर से 10 किमी दूर जबलपुर के बरगी गोरखपुर के पास लाए। यहां रोड किनारे जंगल में सूखे पत्ते इकट्ठा कर उसमे शैलू को जला दिया।आरोपी सोच रहे थे कि दूसरा जिला होने की वजह से शव की पहचान नहीं हो पाएगी और उनकी करतूत छिप जाएगी। पिता की हत्या की साजिश रचने वाला प्रमोद इकलौता बेटा है।
शैलू के गायब होने पर मां रम्मू बाई लगातार उससे गुमशुदगी दर्ज कराने के लिए बोलती रही, लेकिन वह टालमटोल करता रहा। वह ढूंढने का भी नाटक करता रहा। आखिर में रम्मू बाई खुद 70 वर्षीय चचेरे भाई जोधसिंह पटेल के साथ थाने पहुंची और पति की गुमशुदगी 31 मार्च को दर्ज कराई। प्रमोद को संदेह था कि वह गुमशुदगी दर्ज कराने जाएगा तो पुलिस को शक हो जाएगा।
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