(एक ओर पँचायत में सरपंच प्रतिनिधि तो दूसरी ओर कृषि कॉलेज में दैनिक वेतनभोगी बनकर कर रहा दोहरा फर्ज़ीवाड़ा)
देवकर:- जनपद पँचायत साजा के ग्राम पंचायत मौहाभाठा के बहुचर्चित सरपँच प्रतिनिधि सुखीराम सोनकर का एक और नया फर्जीवाड़ा प्रकाश में आ रहा है।जिसमे सरपंच प्रतिनिधि के धौंस में रेत तस्करी, पंचायती राज अधिनियम की अवहेलना, दादागिरी, कृषि मंत्री जी की छवि बिगाड़ने की साजिश के बाद अब कृषि महाविद्यालय में सरपंच प्रतिनिधि स्वंय एवं परिजनो को दैनिक वेतनभोगी के रूप में नाम दर्ज करवाकर शासन-प्रशासन को जबरदस्त चुना लगवा रहे है।ऐसी स्थानीय सूत्रों से जानकारी मिल रही है।जो कि एक बड़ा गम्भीर मामला है।
गौरतलब हो कि कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे जी का गृहग्राम पूरे जनपद क्षेत्र में सबसे सर्वोत्तम पँचायत में गिना जाता रहा है।लेकिन जब से वर्तमान कार्यकाल में मौहाभाठा पँचायत में आश्रित ग्राम अतरझोला के इंद्राणी सुखीराम सोनकर सरपंच निर्वाचित हुई है।तब से पंचायत विवादों और सुर्खियों में आ रहा है।पँचायत के सरपंच पति उनके प्रतिनिधि बनकर सुखीराम सोनकर खुलेआम रेत की तस्करी करते है तो वही पँचायत में शासन-प्रशासन के दिशानिर्देश एवं पंचायतीराज एक्ट की परवाह किये बिना कामकाजों में हस्तक्षेप करते है।इसके अलावा कथित कृषि महाविद्यालय में देनिक भोगी बनकर फ़र्ज़ी आहरण का मामला अनैतिक है।जबकि देखा जाए तो सरपँच पति सुखीराम सोनकर एक तरह पँचायत में सरपँच पति बनकर शासकीय कार्यों में दखलन्दाजी करते है।वही दूसरी ओर कृषि महाविद्यालय में दैनिक वेतनभोगी के रूप में पद विशेष का लाभ लेते है।जो कि एक ही व्यक्ति द्वारस शासन-प्रशासन को दो अलग अलग योजनाओं के माध्यम से चुना लगाकर कथित धोखेबाजी कर रहे है।जिस पर अब उचित जांच एवं कार्यवाही की उम्मीद मौहाभाठा गाँव की जनता कर रही है।क्योंकि ज्यादातर गाँव के लोग सरपँच प्रतिनिधि के व्यवहार व गतिविधियों से नाराज व असन्तुष्ट है।जिस पर जिम्मेदार वर्ग को ध्यान देने की जरूरत है।
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इस सम्बन्ध में कृषि कॉलेज के डीन डीएस ठाकुर जी से बात किया गया तो उनकी तबियत सही नही होने पर बात हुई।वही ग्राम के सरपँच पति एवं प्रतिनिधि सुखीराम सोनकर से दूरभाष से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नही किया।वही इस सम्बंध में कलेक्टर शिव अनन्त तायल जी ने कहा कि मौहाभाठा का उक्त मामला तो गम्भीर है इस पर उचित जांच करवाता हूँ।