कवर्धा। छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध ऐतिहासिक महत्व की नगरी भोरमदेव में इस साल भी महोत्सव नहीं मनाया जाएगा। कोरोना की भयावहता की वजह से यह दूसरा साल है, जब इस धर्मस्थली में धार्मिक आयोजन पर पाबंदी लगा दी गई है। आलम यह है कि तेरस का मेला तो दूर, मंदिर के गर्भगृह में आमजन के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बताया जा रहा है कि कबीरधाम जिले के ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक स्थल भोरमदेव मंदिर में कोरोना के चलते इस बार भी भोरमदेव महोत्सव नहीं होगा। भोरमदेव महोत्सव के सभी शासकीय कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है यह लगातार दूसरी बार है जब कोरोना के चलते भोरमदेव में तेरस पर मेंला नहीं लगेगा, वहीं मंदिर के गर्भ में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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गर्भ गृह में अभी से ताला लगा दिया गया है। ताकि श्रद्धालु अभी से समझ जाएं और तेरस पर भीड़ इकट्ठा ना हो। 1 हजार साल पुराने भोरमदेव मंदिर में चैत्र कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यानी तेरस पर वर्षों से मेला लगता आ रहा है। इस दिन ना सिर्फ कबीरधाम बल्कि अन्य जिलों व राज्यों से लोग यहां भगवान भोरमदेव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन मार्च 2020 में कोरोना के कारण महोत्सव स्थगित किया गया था।
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इस बार 10 अप्रैल को तेरस है, इसे लेकर 9 या 10 अप्रैल को दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव के आयोजन की तैयारी हो चुकी थी। आमंत्रण कार्ड भी छपवा दिए गए, लेकिन वितरण नहीं हो पाया। संक्रमण के कारण इस बार भी महोत्सव को रद्द करना पड़ा। हालांकि भोरमदेव महोत्सव को स्थगित कर दिया गया है लेकिन मंदिर में तेरस पर होने वाले दीपदान अभिषेक सहित सभी व्यक्तिगत धार्मिक अनुष्ठान होंगे। यह अनुष्ठान मंदिर के पुजारी करेंगे यहां दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग के लिए थर्मल स्कैनर मशीन व सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई है।