दुर्ग। वेदांता समूह के सामुदायिक विकास कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित फ्लैगशिप परियोजना ‘नंद घर’ के अंतर्गत दुर्ग जिले के पाटन में १०१ आंगनबाड़ियों को अत्याधुनिक स्वरूप दिया गया है |
वेदांता समूह की नंद घर परियोजना का संचालन हुमाना पीपल टू पीपल इंडिया NGO द्वारा किया जा रहा है।
नंद घर परियोजना के अंतर्गत सभी नंद घरों में पोषण वाटिका का निर्माण किया है आज तक १३० पोषण वाटिकाओ का निर्माण हो चुका है | जोकि ग्राम सरपंच, नन्द घर कार्यकर्ता, सहायिका एवं क्लस्टर समन्वयक सभी के सहयोग से किया जा रहा है, जो विशेष रूप से बच्चों में कुपोषण के स्तर, जो कि अंडरवेट और ओवरवेट से हो सकता है, को रोकने के लिए और गर्भवती महिलाओं एवं शिशुवती माताओं के पोषण को ध्यान में रखते हुए हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, धनिया, चना भाजी, मेथी, भिंडी, बैगन, उगाया जा रहा है। इसके अलावा सीजन के अनुसार यहां प्याज, लहसुन, मूली, गाजर, गोभी आदि उगाई जाती है। ये मनुष्य के शरीर के लिए ऊर्जा, सुरक्षा व वृद्धि प्रदान करती है। बच्चों का शारीरिक एवं मुख्यतः मानसिक विकास बहुत तेजी से होता है इसलिए इस उम्र में ही बच्चों के खानपान पर विशेष रूप से ध्यान देना अति आवश्यक होता है साथ ही साथ पोषण वाटिका के द्वारा गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों को जन्म देने वाली माताओ के स्वास्थ के लिए प्रसव पूर्व-पश्चात् पर्याप्त मात्रा में विटामिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, आयरन आदि पोषक तत्व से भरपूर पोषण आहार उपलब्ध हो सके।
इस पोषण वाटिका का उद्देश्य यह भी है कि सभी को अपने ही घरों में उत्पन्न शुध्द खाद्य पदार्थ प्राप्त हो सके जो कि स्वउत्सर्जीत आत्मनिर्भर होने का एक माध्यम भी है इस उद्देश्य से हम पांच वर्ष के बच्चो के जीवन काल का सबसे महत्त्वपूर्ण हिस्सा 1000 दिन के लक्ष्य को पूर्ण कर पाये जो कि बहुत ही महत्त्वपूर्ण है इस एक हजार दिवस में पौष्टिक भोजन हरी सब्जियों का बहुत ज्यादा महत्व होता है।