बिलासपुर। कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर के असर को देखते हुए बिलासपुर उच्च न्यायालय में 7 अप्रैल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई होगी. इस अवधि में नए केसों की फाइलिंग सामान्य तौर पर काउंटर के जरिए होती रहेगी, लेकिन साथ में सॉफ्ट कॉपी भी देना करना होगा. किसी बेंच में कितने केस की लिस्टिंग होगी, इसका निर्धारण संबंधित बेंच करेगा.
उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल संजय कुमार जायसवाल की ओर से सोमवार को जारी आदेश के अनुसार, प्रकरणों की सुनवाई के लिए बेंच का निर्धारण मुख्य न्यायघीश द्वारा रोस्टर के अनुसार किया जाएगा. वहीं केस की अर्जेंट लिस्टिंग के लिए रजिस्ट्रार के समक्ष आवेदन देना होगा. यही नहीं न्यायालय में भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य से अधिवक्ताओं को केवल केस फाइल करने या सुनवाई के दौरान ही उपस्थित रहने का आग्रह किया गया है.
इसके अलावा निचली अदालतों के लिए आदेश जारी किया गया है, जिसमें दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर में उच्च न्यायिक सेवा के दो और निचली न्यायिक सेवा के चार कोर्ट को रोटेशन के आधार पर काम करने की इजाजत दी गई है. वहीं तीन या उससे कम न्यायालय वाले स्थानों पर 50 प्रतिशत उच्च स्तरीय और 50 प्रतिशत निचली न्यायािक सेवा रोटेशन के आधार पर काम करेंगे. इन न्यायालयों के काम का समय जमानत या रिमांड के प्रकरणों को छोड़कर सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक का होगा.