कोरोना वायरस के मामलों पर बढ़ोतरी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बुधवार को महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सरकार पर जमकर निशाना साधा है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है, कुछ राज्य सरकारें अपनी नाकामी को छिपाने के लिए जनता में दहशत फैलान का प्रयास कर रही हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने महाराष्ट्र का नाम लेते हुए कहा कि टीके की कमी को लेकर वहां जनप्रतिनिधियों के बयान सामने आए हैं। यह कुछ भी नहीं है, यह महाराष्ट्र सरकार की महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए बार-बार विफलताओं से ध्यान भटकाने का प्रयास है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिम्मेदारी से कार्य करने के लिए महाराष्ट्र सरकार की अक्षमता समझ से परे है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रियल टाइम बेसिस पर वैक्सीन आपूर्ति की निगरानी की जा रही है और राज्य सरकारों को इसके बारे में नियमित रूप से अवगत कराया जा रहा है।
निजी वसूली के लिए छूट
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैक्सीन की कमी के आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। उन्होंने कहा कि एक स्वास्थ्य मंत्री के रूप में पिछले साल महाराष्ट्र सरकार की ओर से वायरस से लड़ाई का मैं गवाह रहा हूं। उनके खराब रवैये ने देश में वयारस से लड़ने के प्रयासों को बहुत नीचे ला दिया है। चौंकाने वाली बात यह है कि राज्य सरकार अपनी निजी वसुली के लिए लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन से छूट देकर लोगों को खतरे में डाल रही है।
अपनी ऊर्जा को स्वास्थ्य स्ट्रक्चर मजबूत करने में लगाए
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसी तरह, हमने छत्तीसगढ़ के नेताओं की टिप्पणियों को भी सुना है, जिनका उद्देश्य टीकाकरण को लेकर लगत सूचना और लोगों में दहशत फैलान है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बेहतर होगा कि राज्य सरकार अपनी ऊर्जा को स्वास्थ्य स्ट्रक्चर को मजबूत करने में लगाए, न की छुद्र राजानीति पर। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 2-3 हफ्तों में असामयिक रूप से मौतों की संख्या अधिक देखने को मिली है। क्योंकि वे रैपिड एंटीजन टेस्ट पर ज्यादा निर्भर है जो कि सही रणनीति नहीं है।छत्तीसगढ़ सरकार ने डीसीजीआई द्वारा आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दिए जाने के बावजूद कोवैक्सीन का उपयोग करने से इनकार कर दिया।
कई और राज्यों पर साधा निशाना
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कहा कि कई और राज्यों को भी अपने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत है। कर्नाटक, राजस्थान और गुजरात में टेस्टिंग में सुधार करने की जरूरत है। वहीं, पंजाब को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे मरीजों की पहचान करना चाहिए जिनको अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता है ताकि मृत्यू दर में सुधार हो सके।