रायपुर। राजधानी में टोटल लॉकडाउन की घोषणा के बाद बाजारों में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। एक बार फिर अपनी जरूरतों को पूरा करने कोरोना को आमंत्रित कर रहे हैं। यहां लोग अपनी जरूरत का सामान खरीदने के लिए निकल पड़े। सब्जी, दूध और किराना की दुकान पर लंबी लाइनें देखी गई। सैकड़ों की संख्या में नागरिक और ग्रामीण आवश्यक वस्तुओं जैसे परचून की दुकानों और मेडिकल स्टोर पर जुट गए।
शहर में कार से लेकर मोटरसाइकिल तक की कतार लग गई है। सभी सामानो के दाम में अचानक उछाल – लॉकडाउन की घोषणा के बाद बड़े व्यापारी भी मौके का फायदा उठाना शुरू कर दिए. वही सामान दबाकर कालाबाजार कर रहे है. जनता का कहना है, कि लॉकडाउन की घोषणा करने से पहले दुर्ग जिले जैसे समय देना चाहिए था. लेकिन अचानक लॉकडाउन करने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
सोशल डिस्टेंसिंग की उडी धज्जियां – लॉकडाउन की घोषणा होते ही लोग ऐसे ही सामान लेने बाजारों में टूट पड़े. इस दौरान ना तो मास्क और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. जो भयावह है. जनता का ये भी कहना है – कल अगर दुकानों के खुलने के समय में बदलाव किया जाए तो थोड़ी राहत मिलेंगी। लोग आसानी से अपने जरूरत की सामान खरीद सकेंगे। बाजार से दूध गायब – शाम तक सभी दुकानों में सामान की भी किल्लत हो गयी है।
बता दें कि रायपुर में पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है. यह लॉकडाउन 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक यानी कुल 10 दिनों तक लागू रहेगा. वही कल राज्य में मंगलवार को यहां 9,921 नए मामले सामने आए जबकि 53 लोगों की जान गई. अब तक राज्य में कोरोना के 3,86,269 मामले सामने आ चुके हैं और 4,416 लोगों की जान जा चुकी है. फिलहाल 52,445 मरीजों का इलाज चल रहा है.