नई दिल्ली । कोरोना महामारी से जूझते हुए पूरी दुनिया को 15 महीने हो गए हैं, लेकिन कोई भी देश इससे पूरी तरह से उबर नहीं पाया है। पूरे विश्व में इसकी दूसरी और तीसरी लहर आने से भी लोग और सरकारें परेशान हैं। इस बीच कुछ देशों में वैक्सीनेशन काफी तेजी से तो कुछ में इसकी शुरुआत काफी धीमी, लेकिन हो चुकी है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक विश्व के करीब 190 देशों में वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है। इसके बाद भी कुछ देश ऐसे हैं जहां पर कोरोना महामारी से लड़ने के लिए फ्रंटलाइन पर खड़े लोगों को भी इसकी डोज मुहैया नहीं हो सकी है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव टैड्रॉस ने अफसोस जताया है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस वर्ष के शुरुआती सौ दिनों में जिस टीकाकरण के शुरू करने की पहल की गई थी वो हो चुकी है लेकिन कुछ देशों में फ्रंटलाइन वर्कर्स तक इससे महरूम हैं। उन्होंने इसकी वजह कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता का न होना बताया है। उन्होंने ये भी कहा है कि वैक्सीनेशन का काम अधिकतर अमीर देशों में शुरू हुआ है और तेजी से चल रहा है। लेकिन वहीं कुछ देशों को अब भी वैक्सीन का इंतजार है। उन्होंने देशों से अपील की है कि वो मानवता की खातिर कोरोना वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक को दान में दे जिससे ये उन देशों में भेजी जा सके जहां इनकी उपलब्धता नहीं हो सकी है।
अपने एक ट्वीट में उन्होंने कहा है कि पिछले वर्ष हमनें लाखों लोगों को खोया है। इनको खोने की वजह केवल एक ही थी- कोरोना महामारी। लेकिन अब हमें मिलकर प्रयास करना है कि ऐसा दोबारा न हो सके। इसके लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा और भविष्य के लिए हमारे समाज का मजबूत निर्माण भी करना होगा। बीते 15 माह से जारी कोविड-19 महामारी की वजह से लोगों में व्याकुलता का भाव आने लगा है। हमें विकास के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूती के साथ आगे बढ़ाना होगा।
We now must start building societies for the future that fully embrace those fundamental truths. In the aftermath of the #COVID19 pandemic, we have an unprecedented opportunity to strengthen cross-sectoral collaboration and use health as a driver for development. Together!
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) April 8, 2021
विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से ये भी कहा गया है कि अब तक कोवैक्स योजना के तहत साढ़े तीन करोड़ से अधिक खुराक विभिनन देशों में वितरित की जा चुकी हैं। इसकी शुरुआत अफ्रीकी देश घाना से हुई थी। संगठन के प्रमुख की तरफ से विश्व के सभी देशों की सरकारों से वैक्सीन के न्यायोचित वैक्सीन वितरण, मरीजों की तुरंत टेस्टिंग और इलाज की पहल करने, एक्ट एक्सीलरेट को समर्थन देने की भी अपील की है।
संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश को बढ़ाए जाने की भी अपील पूरी दुनिया से की है। उन्होंने कहा है कि विश्व के करीब 10 करोड़ों लोग हर वर्ष स्वास्थ्य सेवा पर किए गए खर्च की वजह से गरीबी की दलदल में धंस जाते हैं। उन्होंने पूरी दुनिया के समक्ष एक और तथ्य का भी खुलासा किया है। उनका कहना है कि पूरी दुनिया में करीब 2 करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है जिसको पूरा किया जाना जरूरी है, तभी हम 2030 के लिए बनाए गए लक्ष्य को पा सकेंगे।