छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षाबलों ने 5 लाख रुपए के इनामी नक्सली को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया नक्सली कोशलनार मुर्गा बाजार में जवानों की रेकी करने के लिए पहुंचा था। वह बारसुर एरिया कमेटी का सदस्य होने के साथ ही जनताना सरकार का इंचार्ज भी है। दंतेवाड़ा पुलिस की ओर से भी उस पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित था।
नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत गुरुवार को सूचना मिली थी कि हितावाड़ा कुर्सिमबहार निवासी बन्नू अलामी मुर्गा बाजार पहुंचा हुआ है। इस पर बारसूर थाने से क्त्ळ और जिला पुलिस बल के जवानों को रवाना किया गया। बाजार में पुलिस को देखते ही एक संदिग्ध व्यक्ति भागने लगा। इस पर जवानों ने घेराबंदी कर उसे धरदबोचा और पुष्टि की।
जवानों ने उससे पूछताछ की, जिसके बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट और छत्तीसगढ़ राज्य विशेष जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज है। फिलहाल वह और किन-किन वारदातों में शामिल रहा है। इसको लेकर पुलिस जानकारी जुटा रही है।
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प्रदेश के बस्तर में अक्सर यही होता है। जवानों की हलचल और हरकत का अंदाजा लगाने के बाद माओवादी तगड़ी रणनीति के साथ जवानों को घेरकर बड़ी वारदातों को अंजाम दे जाते हैं, जिसका बड़ा नुकसान जवानों की शहादत के तौर पर देश को चुकाना पड़ता है।
बीते कुछ दिनों पहले ही कथित तौर पर माओवादियों ने शांति प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उनके इस प्रस्ताव के पीछे का मंसूबा बीजापुर के तर्रेम में नजर आया, जहां पर देश को अपने 22 जवानों की शहादत के साथ कीमत चुकानी पड़ी थी।
इसमें दो राय नहीं कि कोबरा बटालियन के जवान को माओवादियों ने रिहा कर दिया है, लेकिन इसके पीछे उनकी क्या गणित है, यह अभी तक सही मायने में समझ नहीं आया है, जिसे समझने की कोशिश की जा रही है, पर सफलता कितनी मिलेगी, इस संदर्भ में कुछ नहीं कहा जा सकता।