रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से कहां है कि कोरोना से संबंधित सभी टेस्टों न्यूनतम के दर तय करें सरकार व कोरोना इलाज का दर भी सरकार को तय कर देना चाहिए। प्रदेश भर में 10, 20 ,25, 50 100 बेड के अस्पतालों को भी कोरोना इलाज के लिए अधिकृत कर वहां के न्यूनतम दर को सरकार खुद चुकाते हुए मरीजों के इलाज सुनिश्चित करें।
अग्रवाल ने पत्र में कहा है कि इस प्रदेश में केविड-19 का प्रभाव एवं बहाव तेज गति से होता जा रहा है। रेपडि टेस्ट/एंजटीजन टेस्ट/आर.टी.पी.सी. आर टेस्ट/एक्सरे/फेफड़े का सिटी स्केन एवं कोविड से संबंधित ब्लड टेस्ट के अधिकतम् दर शासन द्वारा तय कर, इसका पालन करवाया जाना चाहिए।
रेमडेसिवीर इंजेक्शन जो एक पैसेन्ट को कम से कम 5 की आवश्यकता होती है। उसकी कमी के कारण मरीजों से मनमानी दरे वसूला जा रहा है एवं कृत्रिम कमी भी हो गई है। इसके लिए अनावश्यक कदम उठाया जाना जरूरी है।
छत्तीसगढ़ में 1000 से ज्याद ऐसे हाॅस्पिटल है जहाँ पर 10 से 100 बिस्तर की व्यवस्था है। ऐसे अस्पतालों में न्यूनतम् दर तय कर कोविड हाॅस्पिटल के रूप में परिवर्तित किया जाये एवं इसका पूरा खर्च शासन उठाये जिससे कि आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का ईलाज आसान हो सके।
डीकेएस सूपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल जहाँ पर 300 से अधिक बेड है एवं वर्तमान में अपनी क्षमता से कम मरीज का ईलाज एवं आॅपरेशन हो रहा है। जहाँ पर वेंटिलेटर बेड, आॅक्सीजन बेड एवं गंभीर मरीज के लिए सुविधाएँ उपलब्ध है। कोरोना से संक्रमित गरीब मरीजो कि जान बचाने हेतु उक्त हाॅस्टिल उपयोगी साबित हो सकता है। अतः उक्त हाॅस्पिटल को कोविड हाॅस्पिटल के रूप में परिवर्तित करने हेतु निर्देश देना चाहेंगे।
जिन शहरों में लाॅकडाॅउन लगाया गया है। उन शहरों मे कजमोर तबके के लोगों को रोजमर्रा की वस्तुएं सब्जी एवं किराना सामान ठेला, वाहनो के माध्यम से उपलब्ध कराने हेतु स्थानीय संस्थाओं, व्यापारिक संस्थाओं से आग्रह कर व्यवस्था कराये, रोज कमाने-खाने एवं खरीदने वाले लोगो को इस समय भोजन आसानी से मिल सके। कोरोना की डरावनी एवं भयावह स्थिति को देखते हुए शासन द्वारा उक्त कदम उठाया जाना आवश्यक प्रतित होता है। इससे आम जनता के व्याप्त डर एव भय में कमी आयगी।