ग्रैंड न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी राजनांदगांव में पले, बढ़े और विख्यात हुए छत्तीसगढ़ के प्रख्यात ’चोर’, जिनका सम्मान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था, ने बीती रात अपनी अंतिम सांस ली। कला के धनी महान रंगकर्मी दीपक विराट तिवारी एक ऐसे ’’चोर’’ थे, जिन्होंने अपनी जीवंत कलाकारिता से थियेटर के प्रशंसकों का दिल जीत लिया था।
मशहूर रंगकर्मी और लेखक हबीब तनवीर, प्रख्यात रंगकर्मी स्व. नवरंग लाल दुबे के साथ अपने जीवन के अद्भूत क्षण बिताने वाले दीपक विराट तिवारी अभी अपने छोटे बेटे सूरज की मौत के सदमे से बाहर नहीं आ पाए थे। कभी मंच पर अपनी कला से लोगों को प्रभावित करने वाले प्रसिद्ध रंगकर्मी दीपक विराट तिवारी बीते कई सालों से मुफलिसों की जिंदगी बसर करने मजबूर हो गए थे। लेकिन उनके भीतर का स्वाभिमान उन्हें कभी किसी का आश्रित नहीं होने दिया।
देश से कला और संस्कृति ने तो सालों पहले ही अलविदा कह दिया था, अब एक के बाद एक रंगकर्मियों ने भी दुनिया को विदा कहना शुरू कर दिया है। करीब सवा साल पहले प्रसिद्ध रंगकर्मी नवरंग लाल दुबे ने, तो अब दीपक विराट तिवारी ने इस जग हो छोड़ दिया है।
प्रसिद्ध रंगकर्मी दीपक विराट तिवारी में जानकार लोगों का कहना है कि जब उन्होंने हबीब तनवीर की पटकथा चरणदास चोर में ’’चोर’’ का अभिनय किया था, वह दौर था कि लोगों का मन एक बार में नहीं भरता था। नाट्य कला के प्रेमी, कई बार देखने पहुंचते थे, अट्हास होता था, मंच पर ही चोरी हो जाती थी और लोग एक बार देखने की आस लिए अपने घरों को लौट जाया करते थे। स्व. दीपक विराट तिवारी ने ’’चोर’’ के उस अभिनय को इतने गजब तरीके से जीवंत कर दिया था, जिसकी तारीफ करते आज भी वे नहीं थकते, जिन्होंने तब का जीवन देखा था।