ग्रैंड न्यूज, सुकमा। छत्तीसगढ़ में कोरोना का घातक प्रहार किसी के भी पल्ले नहीं पड़ रहा है। हालात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की राजधानी से लेकर कई जिलों में कड़े से कड़े फैसले लिए जा रहे हैं, आलम यह है कि प्रदेश की राजधानी सहित आधा हिस्सा लाॅक डाउन हो चुका है, लेकिन कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, बल्कि और ज्यादा सिर चढ़कर बोल रहा है।
प्रदेश के बस्तर में संभाग में स्थितियां सामान्य तो नहीं कही जा सकती, लेकिन अपेक्षाकृत रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और सरगुजा के मुकाबले फिर भी बेहतर ही है। इसके बावजूद भी ऐहतियात बरती जा रही है। शनिवार को सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने जिले में कोविड-19 के प्रभाव की समीक्षा की। जिसके बाद उन्होंने संभावनाओं को देखते हुए जिले में कुछ सख्तियों की आवश्यकता पर ध्यान दिया।
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प्रदेश की राजधानी रायपुर सहित बस्तर जिला मुख्यालय जगदलपुर, कांकेर में लगातार कोरोना पाॅजिटिव मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है, लिहाजा सुकमा में वायरस के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से शाम 6 बजे से सुबह 7 बजे तक CURFEW लगाया गया है। फिलहाल सुकमा में लाॅक डाउन जैसी परिस्थितियां नहीं है, जिसके चलते कलेक्टर सुकमा ने नियमों के पालन की अपील के साथ ही चेतावनी भी दी है।
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सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार ने इस आदेश में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आगामी आदेश तक इन नियमों का पालन करना आवश्यक होगा। उल्लंघन करने की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।
बहरहाल प्रदेश की विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए खुद की सुरक्षा के साथ ही परिवार और दूसरों की सुरक्षा की नैतिक जिम्मेदारी का निर्वहन हर किसी को करने की आवश्यकता है, क्योंकि कोरोना की यह दूसरी लहर कुछ और ही इरादे के साथ आई है।