छत्तीसगढ़ के तर्रेम में 3 अप्रैल की नक्सली घटना के बाद सीएम भूपेश बघेल ने एक साक्षात्कार मे कहा कि नक्सली घटना में कोई चूक नहीं हुई है। इस ऑपरेशन में जैसी परिस्थितियां थी उसे देखने के बाद यही लगता है कि कोई भी जवान आसानी से नक्सलियों के ट्रैप में फंस सकता है। सारा ऑपरेशन सूचना पर ही केंद्रित होता है। ऐसे में जवानों पर सवाल उठाना गलत होगा। जिस एरिया में ये युद्ध हुआ है वहां की भौगोलिक परिस्थिति ऐसी नहीं है कि आसानी से नक्सलियों को काबू में किया जा सके। मीलो पैदल चलकर जंगल की खाक छानने के बाद जवानों को किसी भी ऑपरेशन को करने में कामयाबी मिलती है।इस इंटरव्यू के कुछ अंश सवालों के साथ आपके साथ ग्रैंड न्यूज साझा कर रहा है।
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‘नक्सलवाद की लड़ाई अन्य राज्यों से बिल्कुल अलग’
“सीएम भूपेश के मुताबिक छत्तीसगढ़ की भौगोलिक स्थिति अलग तरह की है. बहुत घने जंगल है, बसावट काफी दूर-दूर है, ऐसे में नक्सलियों को पकड़ पाना या उन्हें घेर पाना मुश्किल काम है. क्योंकि ये वो जगहें हैं, जहां न सड़क है, न बिजली है. हमारे जवान मीलों दूर जाकर ऑपरेशन करते हैं.”
‘मांद में घुसकर जवान कर रहे ऑपरेशन’
ऐसा पहली हो रहा है कि हम नक्सलियों के हेडक्वार्टर कहे जाने वाले इलाकों में घुसकर ऑपरेशन करके आए. 2000 जवान गए थे. 4 टुकड़ी वापस आ गई थीं, एक के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ हो गई. मुठभेड़ की जगह युद्ध कहना चाहिए, हमारे 22 जवान शहीद हुए हैं, लेकिन नक्सली भी बड़ी संख्या में मारे गए हैं. उन्होंने कहा, “नक्सली अभी सिर्फ 5 मौत का आंकड़ा बता रहे हैं, लेकिन ये संख्या बहुत ज्यादा है.”
‘सिमट रहे हैं नक्सली इसलिए है बौखलाहट’
‘ये पहली बार है जब हम नक्सलियों की मांद में घुस कर हमला कर रहे हैं.’ भूपेश बघेल का कहना है कि नक्सलियों के इलाकों में लगातार कैंप खुल रहे हैं। जिसके कारण उनका संपर्क अबूझमाड़ के जंगलों से कट जाएगा। कनेक्शन कटने के कारण नक्सली इस तरह की हरकत कर रहे हैं। नक्सली अब सिर्फ बीजापुर और सुकमा के कुछ इलाकों में सिमटकर रह गए हैं और इसी वजह से उनकी बौखलाहट बढ़ रही है.
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‘कोई भी इंटेलिजेंस फेलियर की बात कहना गलत है-सीएम बघेल’
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, “मैं नहीं मानता कि इस घटना में कोई इंटेलिजेंस फेलियर था.”हमें जब जानकारी मिलती है कि कहीं पर भी नक्सलियों का जमावड़ा है। इसके लिए हमें उस जगह पर पैदल जाना पड़ता है। दूरी काफी ज्यादा होती है। रात भर पैदल चलने के बाद ही जवान 20 किलोमीटर कवर कर पाते हैं। जिसके बाद उन्हें लड़ाई लड़नी पड़ती है। जिससे कई बार जवान थक जाते हैं। जहां पर सूचना मिली वहां से यदि लोकेशन 1-2 किलोमीटर आगे पीछे हो गए तो पहाड़ी इलाकों में जहां स्थिति दुर्गम है । वहां ट्रैप में फंसने की संभावना बन जाती है। हाल की घटना में भी जवान लोकेशन पर पहुंचे लेकिन उन्हें नक्सलियों की लोकेशन 500 मीटर दूर पहाड़ में मिली। जवानों ने हिम्मत दिखाई मोर्चा संभाला और पहाड़ की ओर कूच कर गए। जवानों ने हमला किया महिला नक्सली की बॉडी और हथियार रिकवर किए।जब जवान डेथ बॉडी लेकर नीचे उतरे और गांव की तरफ बढ़े तो उन पर फिर हमला हो गया। कुल मिलाकर 11 बजे से शाम 5 बजे तक जवान युद्ध लड़ते रहे।इस दौरान उन पर रॉकेट लांचर से हमला भी हुआ।
‘नक्सलियों के साथ लड़ाई में कोई चूक नहीं हुई’
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि नक्सलियों के साथ संयुक्त रूप से जवानों ने एकजुट होकर लड़ाई लड़ी है। फिर भी यदि इस ऑपरेशन में कोई लापरवाही हुई होगी तो अधिकारी उसकी जांच कर रहे हैं। लेकिन आखिर में उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि इस नक्सली घटना में किसी भी तरह की कोई चूक नहीं हुई है।