आस्था और भक्ति से हर इंसान का जुड़ाव होता है। चाहे वो किसी भी धर्म का हो। लेकिन धर्म यदि किसी के जान पर बन आए तो अच्छी बात नहीं है। कुछ ऐसा ही हुआ हरिद्वार के कुंभ मेले में जहां फूटा कोरोना बम। इस कोरोना बम ने टेस्ट होने बाद 1000 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है।
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स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि सरकार और प्रशासन ने वक्त से पहले ही मेले को खत्म करने का मन बना लिया है। गंगा नदी में डुबकी लगाने केलिए हजारों श्रद्धालु मौके पर पहुंचे और डुबकी लगाकर पुण्यदायिनी गंगा का फल पाया। लेकिन उनमे से कुछ लोगों की किस्मत इतनी अच्छी नहीं रही है। क्योंकि ये सभी कोरोना के चपेट में आ गए हैं और अब जिंदगी के लिए पानी मांग रहे हैं।
हरिद्वार में बीते 48 घंटे के दौरान 1,000 लोग कोरोना संक्रमित
कुंभ मेले में तीसरे प्रमुख स्थान में कुल 9 लाख 43 हजार 4 सौ 32 लोगों ने डुबकी लगाई है। इस स्नान के बाद जैसे ही कोरोना की रिपोर्ट आई सभी के हाथ पांव फूल गए। व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गई। वादे और दावे खोखले साबित हुए। क्योंकि इस भीड़ के पहले जिन लोगों ने कोरोना का टेस्ट कराया था उनमे से 1 हजार लोग संक्रमित मिले।
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अब इतने सारे संक्रमित मिलने से कोरोना का स्प्रेड किस तरह से फैला होगा य़े आपको बताने की जरूरत नहीं है। कहीं ऐसा ना हो कि कुंभ के बाद हरिद्वार और उत्तराखंड के दूसरे इलाके कोरोना के हॉटस्पाट बन जाए।क्योंकि कुछ ऐसा ही हाल छ्त्तीसगढ़ में हुआ जहां पर कुछ दिनों पहले ही क्रिकेट का कुंभ लगा था। उस क्रिकेट के कुंभ के कारण आज ये प्रदेश का क्या हाल है। हाल ये है कि श्मशान में लाशों को जलाने के लिए वेटिंग का इंतजार करना पड़ रहा है।
कुंभ में क्यों हुई इतनी बड़ी कोरोना पेशेंट की संख्या?
कुंभ में कोई सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहा है । साधु और ना ही उनके अनुयायियों को सोशल डिस्टेंसिंग से कोई मतलब है। सभी मस्त मलंग होकर मजे में पानी में डुबकी लगा रहे हैं। ऐसे में कुछ लोगों के लिए ये आखिरी कुंभ ना हो जाए तो ये कोई अतिश्योक्ति ना होगी।
बता दें कि उत्तराखंड में मंगलवार को 1,925 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। यह एक दिन में सामने आए संक्रमितों की सबसे ज्यादा संख्या है। इसके अलावा हरिद्वार में दो दिन में 1,000 मामले सामने आए हैं।