कहते है जो लोग आदतन कानून तोड़ते हैं। उनका हाल कुत्ते की पूंछ जैसे होती है। ना तो वो मानेंगे और ना ही किसी के हित के लिए काम करेंगे। ऐसा ही कुछ नजारा दिखा राजनांदगांव में जहां पर लॉकडाउन लगाकर लोगों की जान बचाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जिन्हें ना तो किसी की जान से मतलब है और ना ही देशहित में किए जा रहे उपायों से । यही कारण है कि ये बेवकूफ किस्म के लोग लॉकडाउन में कानून तोड़कर बाजारों में शहंशाह बने घूम रहे हैं।
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ना सुधरे हैं ना सुधरेंगे….इसलिए है ये हाल
कोरोना का सीजन पीक पर है । मार्चुरी में लाशों को रखने कोई जगह नहीं बची। आदमी एक एक सांस के लिए तड़प रहा है। लेकिन इन लोगों के दर्द को शायद अब कुछ लोग नहीं समझ रहे हैं। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार को छत्तीसगढ के कई जिलों में लॉकडाउन का सहारा लेना पड़ा। लेकिन राजनांदगांव में कुछ निहायती बददिमाग लोग ऐसे हैं। जिन्हें लॉकडाउन में भी बाजार में तफरी करने का कीड़ा काटा है। और ऐसा इसलिए हो रहा है कि कुछ व्यवसाईयों को ये समय अच्छा मुनाफा करने का लग रहा है। शहर में कई जगह निगम ने कार्रवाई करते हुए ऐसे दुकानदारों से जुर्माना वसूला जो लॉकडाउन में भी चोरी छिपे सामान या फिर फल बेच रहे थे।
क्या दुकान खोलने का काटा है सुलेमानी कीड़ा ?
शहर के वर्धमान नगर, गोलबाजार इलाकों में दुकान खोलकर बैठने वाले व्यवसाईयों को निगम और पुलिस की टीम ने अच्छा सबक सिखाया। पता नहीं इन व्यवसाईयों को ये क्यों नहीं समझ में आ रहा है कि प्रदेश में जिस तरह के हालात है उसे काबू करने में कितनी मशक्कत करनी पड़ेगी। लेकिन ये धंधे और रोजी रोटी के नाम पर अपने दुकानों में अनचाही भीड़ और वायरस दोनों को ही निमंत्रण दे रहे हैं।