देश के कई राज्यों में रेमेडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत सामने आ रही है। कई हिस्सों से इंजेक्शन की मनमानी कीमत वसूले जाने की शिकायत भी मिली। ऐसे में रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बुधवार को राहत भरा ऐलान किया है। मंत्रालय ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाली कंपनियों ने तय किया है कि अब इसकी कीमत 3500 रुपए से ज्यादा नहीं होगी। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) देशभर में इसकी उपलब्धता की निगरानी करेगी।
मंत्रालय के मुताबिक, देश में इस वक्त रेमडेसिविर के कुल 7 मैन्यूफेक्चरर्स हैं। ये एक महीने में 38.80 लाख इंजेक्शन बना सकते हैं। 6 और कंपनियों को इसके उत्पादन की त्वरित मंजूरी दी गई है। इससे 10 लाख इंजेक्शन हर महीने और बनाए जा सकेंगे। इसके अलावा, हर महीने 30 लाख डोज और बनाए जाने की तैयारियां अंतिम दौर में हैं।
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देश में पिछले 24 घंटे में 1.85 लाख से ज्यादा मरीज मिले
देश में मंगलवार को 1 लाख 85 हजार 104 नए मरीज मिले। 82,231 ठीक हुए और 1,026 की मौत हो गई। इस तरह एक्टिव केस, यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 1 लाख 1 हजार 835 की बढ़ोतरी हुई। नए मरीजों का आंकड़ा तो हर दिन नई ऊंचाई पर पहुंच ही रहा है, लेकिन पहली बार एक्टिव केस में भी एक लाख से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। मौत का आंकड़ा भी इस साल पहली बार 1,000 के पार गया है। पिछले साल महामारी की पहली लहर में सबसे ज्यादा 1,281 मौतें 15 सितंबर को हुई थीं।