ग्रैंड न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी के साथ पूरे प्रदेश में जिस तेजी के साथ मरीजों के मिलने का क्रम जारी है। अब प्रदेश में जिस तरह की आपाधापी मची हुई है, उसका परिणाम यह निकलकर सामने आने लगा है कि दाखिल कराया हुआ मरीज, कब कहां है, इसकी भी सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। यह एक ऐसी हकीकत है, जिसका प्रमाण ग्रैंड न्यूज को मिला है।
पूरा मामला इस तरह है कि अंजलि परमार ने 9 अप्रैल को अपनी भाभी निर्मला परमार को कोविड पाॅजिटिव आने के बाद फुंडहर स्थित कोविड-19 सेंटर में दाखिल कराया था। इसके बाद अंजलि परमार फोन पर जानकारी लेती रही, तो उसे मरीज के स्वस्थ होने की बात बताई गई। पांच दिनों तक यह सिलसिला चलता रहा, इसके बाद जब अंजलि कोविड सेंटर पहुंची, तब उसे बताया गया कि मरीज को 10 अप्रैल को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है।
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अंजलि के बार-बार पूछे जाने पर कह दिया गया है कि मेकाहारा में निर्मला परमार को होना चाहिए। इसके बाद जब अंजलि परमार मेकाहारा में अपनी भाभी की तलाश में पहुंची, तो उन्हें पता लगा कि उनकी भाभी के नाम की कोई भी महिला मेकाहारा शिफ्ट नहीं की गई है।
आलम यह है कि पांच दिनों पहले कोविड सेंटर से आखिर वह महिला गई कहां। एक तरफ जहां उसके परिजन परेशान हाल में घुम रह हैं, तो उनकी मदद करने वाला कोई नहीं है। आखिर इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है, सामने लाए जाने की जरुरत है।
5 दिन से यह महिला अपनी भाभी को तलाश रही है जिन्हें रायपुर के फुंडहर कोविड-19 सेंटर में 9 तारीख को इन्होंने करोना संक्रमण होने की शिकायत पर एडमिट कराया था जिसके बाद से ना ही इनकी उनसे फोन पर बात हो पाई है और ना ही इन्हें उनकी कोई जानकारी मिल रही है ।
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