ग्रैंड न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के नए वैरिएंट ने जिस तरह से हाहाकार मचाया है, पूरे प्रदेश में त्राही-त्राही मच गई है। लोग उपचार के लिए अस्पताल तलाश कर रहे हैं, लेकिन निराशा ही हाथ लग रही है। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग सहित प्रदेश के सभी प्रमुख जिलों में जहां कोविड सेंटर बनाए जा रहे हैं, तो बेड की संख्या भी बढ़ाए जा रहे हैं, लेकिन प्रदेश में जिस तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उस मुकाबले तमाम कोशिशें असफल साबित हो रही हैं।
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सबसे ज्यादा खौफनाक बात यह है कि इस नए वैरिएंट के आने के बाद से लोगों का ध्यान होम आइसोलेशन से हट गया है। हर कोई अस्पताल में दाखिल होना चाहता है, ताकि डाॅक्टरों के बीच रहे और उसका सही तरह से उपचार हो सके। लेकिन सच्चाई यह है कि शासकीय अस्पताल ही नहीं, निजी अस्पतालों में स्थिति खराब हो चुकी हैं। हालांकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निजी अस्पतालों को निर्देशित कर दिया है कि बेड खाली होते ही दूसरों को दाखिल किया जाए। साथ ही आयुष्मान कार्डधारकों के लिए एक बड़ी सुविधा भी दी है।
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कोरोना संक्रमण का इलाज अब सरकार की डॉ.खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना तथा आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों में भी किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए इलाज की दरें निर्धारित कर दी हैं। निजी अस्पताल इलाज के लिए अधिकतम 9000 रुपए तक ले सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना के उपचार के लिए अनुमति प्राप्त निजी अस्पतालों जो कि डाॅ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना एवं आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत भी हैं, ऐसे सभी अस्पतालों में कोविड उपचार की दरें निर्धारित की गई हैं। इसके मुताबिक जनरल वॉर्ड में 2000 रुपए प्रतिदिन, एचडीयू (ऑक्सीजन के साथ) 5500 रुपए, आईसीयू (बिना वेंटिलेटर के) 7000 रुपए और आईसीयू (वेंटिलेटर के साथ) 9000 रुपए प्रतिदिन की दर निर्धारित की गई है। आरटीपीसीआर की दर 550 रूपए रखी गई है।