ग्रैंड न्यूज, रायपुर। छत्तीसगढ़ में 16 मार्च से पहले तक स्थिति फिर भी बेहतर ना सही, लेकिन ठीक ही थी। लोग अपनी दिनचर्या में थे, हाहाकार नहीं था। 16 मार्च से प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक क्या दिया, किसी त्रासदी से कम नहीं है। आलम यह है कि अब खुले में सांस लेना भी स्वस्थ लोगों को डराने लगा है। प्रदेश में स्वस्थ लोगों की जिंदगी भी खौफ के साए में गुजर रही है।
महज एक पखवाड़े के भीतर प्रदेश में सरकारी रिकार्ड के मुताबिक कोरोना की वजह से 868 लोग दम तोड़ चुके हैं। वहीं संक्रमण का दर 30 प्रतिशत के इर्द-गिर्द ही मंडरा रहा है, जबकि कोरोना मामले में संक्रमण दर को 5 फीसदी के बाद खतरनाक माना गया है। दो राय नहीं कि इन दिनों छत्तीसगढ़ में खतरा ही मंडरा रहा है। 1 अप्रैल से लेकर 17 अप्रैल तक की पूरी स्थिति को नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ वास्तव में किस खतरनाक स्थिति में आ चुका है।
दिनांक कुल टेस्ट नए संक्रमित मौत संक्रमण दर
01 अप्रैल 40857 4617 25 11.29
02 अप्रैल 34075 4174 33 12.34
03 अप्रैल 40875 5818 31 14.23
04 अप्रैल 26911 5250 32 19.05
05 अप्रैल 40053 7202 38 16.48
06 अप्रैल 47973 9921 53 20.68
07 अप्रैल 42389 10310 53 24.37
08 अप्रैल 48743 10652 72 21.85
09 अप्रैल 46711 11747 63 25.14
10 अप्रैल 50156 14098 97 28.10
11 अप्रैल 40178 10521 82 26.18
12 अप्रैल 45997 13576 107 29.51
13 अप्रैल 53793 15121 109 28.10
14 अप्रैल 46528 14250 73 30.60
15 अप्रैल 53454 15256 105 28.54
16 अप्रैल 49584 14912 138 30.07
17 अप्रैल 53916 16083 138 29.82
यह तब के बाद की स्थिति है, जब छत्तीसगढ़ में कोरोना लगभग समाप्ति की कगार पर पहुंच चुका था। पूरे प्रदेश में अधिकतम 1000 लोग सामान्य लक्षणों के साथ संक्रमण की चपेट में आ रहे थे, तो मौतें भी बहुत ही गंभीर परिस्थितियों में हो रही थी। पर वर्तमान समय यानी बीते 1 माह का पूरा विवरण खंगालने पर सामने आई जानकारी बेहद ही खौफनाक है। ना तो लोगों को लक्षण समझ आ रहे हैं, ना ही दाखिल हुए मरीजों का सही तरह से उपचार हो पा रहा है। ना ही संक्रमितों को समय पर दवाईयां उपलब्ध हो पा रही हैं और ना ही मौत के बाद अंतिम संस्कार मिल पा रहा है।