कोरोना से जुड़ी गलत और फेक खबरे फैलाने वालों की अब खेर नहीं है। यदि इस तरह की खबर कोई भी सोशल मीडिया पर अपलोड करता है, तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जायगा। क्योंकि सरकार का मानना है कि आम जनता खबरों की सच्चाई जाने बगैर पैनिक हो जाती है। जिससे काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया में कोरोना को लेकर कई तरह की खबरें तैर रही है।जिससे आम जनता के अंदर भय का महौल पैदा हो जाता है।
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फेक न्यूज डाला तो आप जाएंगे जेल
एमपी के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने साफ कहा है कि तथ्यों को बिना परखे सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ प्रचारित करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। किसी भी खबर को सोशल मीडिया पर डालने से पहले तथ्यों को परखना जरूरी है।
यदि कोई भी व्यक्ति कोरोना महामारी को लेकर सोशल मीडिया पर गलत तरीके से कोई न्यूज़ को प्रसारित करेगा, और पैनिक क्रियेट करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।
ऑक्सीजन और इंजेक्शन की कमी को लेकर किए जा रहे पोस्ट
प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी और रेमडेसिविर इंजेक्शन न मिलने से हो रही मौत को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट डाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि निजी अस्पतालों में एक ही दिन में कई लोगों की मौत हो गई है।
कई अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की बात भी सोशल मीडिया पर प्रचारित की जा रही हैं। अब ऐसी फेक न्यूज़ फैलाने वालों के खिलाफ सरकार एक्शन के मूड में आ गई है। मंत्री विश्वास सारंग ने कहा भोपाल में कोरोना कर्फ्यू आम लोगों से चर्चा के बाद लिया गया फैसला है।
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