कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को ही बदलकर रख दिया. मरीज के साथ साथ उसके परिजनों को भी कई तरह परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मध्य प्रदेश के विदिशा से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां पर अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल कॉलेज के स्टॉफ ने एक मरीज को दो बार मृत घोषित कर दिया, जबकि वो वेंटिलेटर पर था और उसकी सांसे चल रहीं थीं.
अस्पताल की तरफ से मरीज के परिजनों को सूचना मिली कि कोरोना की वजह से उनके मरीज की मौत हो गई है, परिवार में मातम पसर गया और आस-पड़ोस के साथ साथ सभी नाते रिश्तेदार इकट्ठा होना शुरू हो गए. परिवार के कुछ सदस्य शव लेने के लिए मोर्चरी पहुंच गए और फोन पर मुक्ति धाम में अंतिस संस्कार की तैयारी करने लगे. जब परिजन मोर्चरी पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर हैरान रहे गए देखा कि वहां शव नहीं था.
परिजनों ने डॉक्टर से शव के मोर्चरी में न होने की बात कही. डॉक्टर ने मामले को गंभीरता से समझा और इसके बारे में स्टाफ के लोगों से पूछताछ की गई. फिर पता चला कि मरीज जिंदा है और वेंटिलेटर पर है, जहां पर इलाज हो रहा है.
मरीज के पुत्र कैलाश कोरी ने बताया कि मंगलवार शाम को 4 बजे अस्पताल से फोन आया और बताया कि उनके मरीज की मौत हो गई है. शव को मोर्चरी में रखा दिया है उसे ले जाएं. जब हम शव लेने अंदर पहुंचे तो पता चला कि उनके मरीज की मौत नहीं हुई है. नर्स ने बताया कि वो वेंटिलेटर पर हैं और उनकी सांसे चल रही हैं. इसके अलावा नर्स ने उन्हें बताया कि उनके पिता की स्थिति नाजुक है. अस्पातल का स्टाफ उनका अच्छे से ध्यान रख रहा है।