बिलासपुर । प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार, आलोचक डाॅ गोरेलाल चंदेल नहीं रहे । कोरोना की चपेट में आ जाने के कारण वे अस्वस्थ थे । प्रगतिशील लेखक संघ के छत्तीसगढ राज्य अध्यक्ष मंडल के सदस्य डाॅ. चंदेल छत्तीसगढ़ी लोक जीवन मप्र लगातार काम कर रहे थे ।
उनकी किताब “झेंझरी” हाल ही में प्रकाशित हुई थी जो लोक जीवन को बहुत गहराई से व्यक्त करती है । वे छत्तीसगढ हिंदी साहित्य सम्मेलन और एप्सो से भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए थे । करीब 67 वर्ष के डाॅ चंदेल खैरागढ स्थित इंदिरा कला विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे ।
अध्यक्ष लोकबाबू , महासचिव नथमल शर्मा , संगठन सचिव परमेश्वर वैष्णव ने डाॅ चंदेल के असमय निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि यह खास कर छत्तीसगढ साहित्य जगत के लिए अपूरणीय क्षति है ।