भारतीय पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) रिटायरमेंट के बाद 40 फीसद रकम पेंशन फंड मैनेजर्स के पास रखने पर विचार कर रहा है। अब तक रिटायरमेंट के समय या 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर 2 लाख रुपये से अधिक की धनराशि रखने वाले ग्राहकों को अनिवार्य रूप से बीमा कंपनियों द्वारा प्रस्तावित एन्युटी खरीदना होता है। बाकी की बचे 60 फीसद एकमुश्त निकाल सकते हैं।
मतलब अगर किसी ग्राहक की रिटायरमेंट के समय पैसा 2 लाख रुपये या उससे कम है, तो उस व्यक्ति के लिए एन्युटी खरीदना अनिवार्य नहीं है क्योंकि मासिक पेंशन के रूप में दी जाने वाली राशि बहुत कम है।
मौजूदा समय में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में धनराशि लंबे समय तक जमा हो रही है, 60 वर्ष की आयु में रिटायरमेंट के बाद, किसी व्यक्ति को एन्युटी खरीदने के लिए 40 प्रतिशत धनराशि का भुगतान करना पड़ता है और बाकी राशि 60 फीसद एक मुश्त के रूप में निकाला जा सकता है।
पीएफआरडीए ने गुरुवार को बताया कि एनपीएस और एपीआई जैसी प्रमुख योजनाओं के अंशधारकों की संख्या 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष के दौरान 23 प्रतिशत बढ़कर 4.24 करोड़ तक पहुंच गई। पिछला वर्ष कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के कारण बेहद चुनौतीपूर्ण रहा, लेकिन इसके बावजूद खाताधारकों की संख्या में लगभग 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के अंशधारकों की संख्या में लगभग 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई और इसमें 77 लाख से अधिक नए ग्राहक जोडे गए। एपीवाई के खाताधारकों की संख्या 31 मार्च, 2021 तक 2.8 करोड़ से अधिक पहुंच गई। नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए अंशधारकों में 16 प्रतिशत और खुदरा क्षेत्र में करीब 32 प्रतिशत का इजाफा हुआ। पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने इस बारे में जानकारी दी।