नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते संक्रमण और उसके अनुरूप आक्सीजन की आपूर्ति में कमी को पूरा करने के लिए रेलवे ने देश में आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का फैसला किया है। राउरकेला, जमशेदपुर, बोकारो और विशाखापत्तनम के इस्पात संयंत्रों से आक्सीजन लेकर यह ट्रेन मुंबई समेत देश के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचाएगी। इसका ट्रायल भी पूरा कर लिया गया है और सोमवार को मुंबई से पहली ट्रेन आक्सीजन लेने के लिए रवाना हो जाएगी।
रो-रो मॉडल पर चलाई जाएगी ट्रेन
रेल मंत्रालय के अनुसार, आक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन रो-रो (रोल आन, रोल आफ) माडल पर चलाई जाएगी। रो-रो माडल में तरल आक्सीजन से भरे टैंकरों को रेल के फ्लैट डिब्बों के ऊपर चढ़ा दिया जाएगा और गंतव्य पर पहुंचने के बाद उन्हें उतार लिया जाएगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आक्सीजन की आपूर्ति तेज करने के लिए रेलवे ने ग्रीन कोरिडोर भी तैयार किया है। यानी आक्सीजन एक्सप्रेस बिना किसी रुकावट के आ-जा सकेगी।
ये थी बड़ी चुनौतियां
रेलवे के पास अपने वैगन में आक्सीजन ढोने का कोई विकल्प नहीं होने के कारण रो-रो पर विचार किया गया। लेकिन रो-रो में सबसे बड़ी समस्या आक्सीजन ढोने वाले विभिन्न टैंकरों के अलग-अलग साइज और ऊंचाई की थी। रेलवे लाइनों पर बने ओवरब्रिज की ऊंचाई समेत ट्रैक के ऊपर लगे बिजली के तारों में इनके फंसने की आशंका थी।