रायपुर। राजधानी रायपुर के हॉस्पिटल में लगी आग में जलने और दम घुटने से पांच कोरोना मरीजों की मौत के मामले में टिकरापारा थाना पुलिस ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल अस्पताल को प्रशासन ने सील कर दिया है। वहां भर्ती सभी मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया जा चुका है। टिकरापारा पुलिस थाना प्रभारी संजीव मिश्रा ने बताया कि दुर्गा चौक, भाठागांव निवासी नरोत्तम प्रसाद सोनकर की शिकायत पर अस्पताल प्रबंधन पर केस दर्ज किया गया है।
नरोत्तम ने पुलिस को बताया कि उसके पिता भक्तशरण सोनकर का स्वास्थ खराब होने से 14 अप्रैल को पचपेढ़ी नाका के पास राजधानी अस्पताल में इलाज कराने ले गया था। टेस्ट कराने पर डॉक्टर द्वारा कोरोना पॉजिटिव होना बताया गया था। दूसरे दिन ही पिता को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था जो अस्पताल के दूसरे तल के एसआईसीयू वार्ड के कमरा नंबर 115 में भर्ती थे।
शनिवार की शाम सवा चार बजे वह अस्पताल के बगल में ग्रेनाइट दुकान के बाहर बैठा था, तभी अस्पताल के दूसरे मंजिल से धुंआ निकलते देखा तो दौड़कर अस्पताल के अंदर गया। वहां काफी अफरा-तफरी मची हुई थी। लोग चिल्ला रहे थे- आग बुझाओ। नरोत्तम दौड़ते हुए आईसीयू वार्ड में पहुंचा देखा कि वार्ड में काफी धुंआ भरा हुआ था। आग लगी हुई थी। किसी तरह वह अपने पिता भक्तशरण सोनकर को उठाकर नीचे लेकर आया।
उनका चेहरा काला पड़ गया था। एक एंबुलेंस में डालकर तुरंत संजीवनी अस्पताल दावड़ा कॉलोनी ले गया। वहां डॉक्टर ने चेक कर बताया कि मौत हो गई है। अस्पताल में अग्निशमन की कोई व्यवस्था और वहां पर आग बुझाने का कोई संयंत्र नही होने से कोविड वार्ड में भर्ती पांच मरीजो की मौत अस्पताल प्रबंधन के लापरवाही पूर्वक असुरक्षा के कारण ही हुई है। नरोत्तम को बाद में जानकारी मिली कि अस्पताल में भर्ती वंदना नाम की महिला, रमेश साहू, ईश्वर राव, देवकी सेानकर की भी आग में झुलसने और दम घुटने से मौत हुई है।
इस हादसे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी दुख जताया है। राहुल गांधी ने लिखा- रायपुर में अस्पताल के ICU में आग लगने की खबर दुखद है। अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों को मेरी संवेदनाएं। राज्य सरकार से अपील है कि शोकग्रस्त परिवारों को इस कठिन समय में सभी सहायता दी जाए।