रायपुर । रायपुरा के निजी अस्पताल में कमजोरी और बुखार की शिकायत पर अस्पताल पहुंचे युवक के परिजनों से अस्पताल प्रबंधन ने रेमेडिसिविर के 6 इंजेक्शन मंगा लिए। टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी चार दिनों तक उसका इलाज चलता रहा। अस्पताल से छुट्टी के दौरान परिजनों को 60 हजार का बिल और उसमें इंजेक्शन लगाने के बिल भी जोड़ा गया था जिसके बाद परिजनों ने हंगामा किया और मामला थाने तक पहुंच गया।
जानकारी के मुताबिक ग्राम गुमा निवासी सोहन साहू को कमजोरी की शिकायत पर 14 अप्रैल को रायपुरा के एक निजी अस्पताल में दाखिल किया गया था। इलाज के दौरान परिजनों से 2500 रुपए शुल्क लेकर कोरोना टेस्ट कराया गया। सोहन के भाई चमन साहू ने बताया कि रिपोर्ट आए बिना उससे रेमडेसिविर के 6 इंजेक्शन मंगाए गए।
इसी बीच सोहन की रिपोर्ट निगेटिव आई। सामान्य वार्ड में इलाज के बाद उसे रविवार को डिस्चार्ज किया गया और परिजनों को 60 हजार रुपए का बिल थमा दिया गया जिसमें इंजेक्शन लगाने का भी जिक्र था। परिजनों ने इसका विरोध किया और अस्पताल में काफी देर तक हंगामा चलता रहा। बाद में मामले की शिकायत डीडीनगर थाने में की गई। थाना प्रभारी योगिता खापर्डे ने बताया कि मामले की लिखित शिकायत मिली है जिस पर जांच की जा रही है।