रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कोविड के तहत ड्यूटी में लगे सभी सरकारी कर्मचारियों के बीमा कराए जाने की मांग करते हुए कहा है ड्यूटी करते कर्मचारी अगर कोविड से पीड़ित होते हैं, तो इन सबका अच्छे से अच्छे हॉस्पिटल में नि:शुल्क इलाज हो सके इसलिए सरकार को सभी शासकीय कर्मचारियों का जो कोरोना के अभियान में लगे है, चाहे वह नियमित हो दैनिक वेतन भोगी हो या संविदा कर्मचारी हो प्रोवाइडर सर्विस के माध्यम से काम करने वाले कर्मचारी हो सभी का 25- 25 लाख का मेडिकल बीमा आवश्यक रूप से कराया जाना चाहिए। जिससे पीड़ित होने पर उन्हें इलाज की उचित सुविधा मिल सके ।
अग्रवाल ने कहां है कि कोविड में काम कर रहे बहुत से कर्मचारीयो का कोरोना पीड़ित होकर असमय मौत हो रहा है। जिससे उनके परिवार के सामने गंभीर स्थिति पैदा हो रही है, इसलिए कोविड के अभियान में लगे सभी कर्मचारियों का 1-1 करोड़ का बीमा होना चाहिए जिससे इनके परिवार को एक राहत मिल सके ।
बृजमोहन ने आज फिर कहा है कि रायपुर छत्तीसगढ़ में बड़े-बड़े कोरेन्टीन सेंटर खोले जाने की आवश्यकता है। क्योंकि बस्ती, मोहल्ले में एक-एक कमरे के घर में लोग रह रहे हैं अगर वह कोविड से परिवार के सदस्य प्रभावित हो रहा है तो वह पूरे परिवार को प्रभावित कर रहे हैं इसी के कारण परिवार का परिवार कोविड पॉजिटिव निकल रहे हैं और आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है अगर हमको कोरोना के दर को रोकना है तो ऐसे सभी लोगों को कोरेन्टीन सेंटर में रखें जिससे परिवार सुरक्षित रहे व कोरोना फैलने में लगाम लग सके ।
अग्रवाल ने कहा वर्तमान में जो स्थिति पैदा हुई है, उसको देखते हुए सरकार को तुरंत सभी जिला मुख्यालय में वेंटीलेटर, सेमी वेंटीलेटर व आक्सीजन बेड की व्यवस्था युद्ध स्तर पर किया जाना चाहिए। अभी इस भयावह स्थिति में भी हम इस दिशा में ध्यान नही दे रहे है। शहरों में स्थित कम दर्ज संख्या वाले व पर्याप्त जगह वाले स्कूलों व कालेजो को, छात्रावासो को दुरुस्त कर तत्काल अस्पताल में परिवर्तन किया जाना चहिए व जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग में सभी रिक्त पदों को वॉक इन इण्टरव्यू के माध्यम से भरा जाना चाहिए, जिससे विभाग को पर्याप्त स्टाफ मिल सके।
उन्होंने कहा की शासकीय कर्मचारी व उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों को 1 से 15 तारीख के बीच वेतन मिलता है पर लॉकडाउन लगने के कारण कर्मचारी पैसा भी नहीं निकाल पाए और अब हजारों-हजार कर्मचारी के परिवार के कोई ना कोई सदस्य कोविड से प्रभावित है। ई-बैकिंग के कारण लोग घर मे नगद पैसा नही रखते। वहीं बहुत सारे अस्पताल मरीजों से चेक में भुगतान स्वीकार नही कर रहे है, कई परिवार अस्पतालों में पैसा जमा नहीं कर पा रहे है। अतः हर बैक के बाहर एक बॉक्स लगा दे जिसमे लोग अपना चेक व दस्तावेज डालकर अस्पतालों व अन्य कार्यों के लिए आर.टी.जी.एस. कर सके। अस्पताल को पैसा भेज सके। एटीएम से पैसे निकालने की लिमिट व जमा करने की लिमिट भी एक लाख तक करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करें।
अग्रवाल ने कहा कि शहर के अस्पतालों मे कोरेन्टीन व आइसोलेसन सेंटरों में बेड की कमी है। रेलवे अपने द्वारा तैयार किया गया आइसोलेसन कोच देने तैयार है।हजार से ऊपर बेड की व्यवस्था हो सकती है, पर पिछले एक सप्ताह से रेल मंत्री की सहमति के बाद भी सरकार कोई कार्यवाही करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है। जो कोविड के खिलाफ लड़ने की मानसिकता को दिखाता है।