रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को प्रदेश के 11 जिलों के कलेक्टरों से बात कर हालात की समीक्षा की। इस दौरान कोरोना प्रबंधन के लिए स्थानीय प्रशासन को नए निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमित मरीजों के घरों में पोस्टर की जगह पेंट से सूचना लिखी जाए। घर में प्रदर्शित की जाने वाली सूचना का संदेश सकारात्मक हो एवं प्रेरणादायी नारों से युक्त होने चाहिए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग संदेश का प्रारूप डिजाइन कर उपलब्ध कराए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के लक्षण वाले मरीजों को जल्द से जल्द उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग विशेषज्ञों के माध्यम से आवश्यक दवाईयों का किट तैयार करें। मितानिनों के माध्यम से इस किट के वितरण करने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कलेक्टरों ने अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्था की है। इसमें सतत निगरानी रखी जाए और कोरोना पर शीघ्रता से नियंत्रण के लिए जिलों में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से नीचे लाने का हर संभव प्रयास हो।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर यह भी ध्यान रखें कि लॉकडाउन के दौरान आम जनता को कोई परेशानी न हो। अनावश्यक रूप से आवाजाही करने वालों पर सख्ती से रोक लगाई जाए।
वर्चुअल बैठक में महासमुंद, गरियाबंद, धमतरी, बालोद, कबीरधाम, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा- मरवाही, सरगुजा, सूरजपुर, कोरिया और बलरामपुर कलेक्टरों के साथ हालात की समीक्षा हुई।
दूसरे प्रदेशों से आए लोगों की टेस्टिंग पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगों की रेलवे स्टेशनों, बस स्टैण्डों और अंतरराज्यीय सीमाओं के खासकर एंट्री पॉइंट पर ही कड़ाई से टेस्टिंग सुनिश्चित की जाए। बाहर से आने वाला कोई भी व्यक्ति टेस्टिंग से न छूटे। उनकी रिपोर्ट के आधार पर उन्हें क्वॉरंटीन सेंटर और आइसोलेशन केन्द्र में अलग-अलग रखने की व्यवस्था की जाए। आइसोलेशन वालों की निगरानी भी की जाए।
कलेक्टरों को रेमडेसिविर खरीदी की अनुमति मिली
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टरों को जिले में तत्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये रेमडेसिविर और दूसरी जीवन रक्षक दवाओं को खरीदने की अनुमति दे दी है। मुख्यमंत्री ने बालोद और मुंगेली में RTPCR टेस्टिंग लैब की स्थापना की भी स्वीकृति प्रदान की है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- आइसोलेशन वाले मरीजों से जनप्रतिनिधि भी बात करें
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों का फालोअप किया जा रहा है। कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ, सीईओ और संभव हो तो जनप्रतिनिधि प्रतिदिन 10-10 मरीजों से टेलीफोन पर संपर्क कर उनकी स्थिति की जानकारी लेकर उनके उपचार में सहायता करें।