रायपुर। राजधानी के एक ढाई साल की बच्ची ने घर में खेलते-खेलते ही कान की बाली को निगल ली, जहां डाॅक्टरों की टीम से एंडोस्कोपी के जरिये सफल पूर्वक निकल लिया गया है।
शिशु रोग विशेषज्ञ डाॅ. रिमझिम श्रीवास्तव ने बताया कि राजधानी के एक बच्ची ने अपनी मां के ही कान की बाली को लेकर घर में खेल रही थी, इस बीच वे अपने मुंह में बाली को निगल ली। घर को वालों को तुरंत जानकारी के होने सीधे अस्पताल ले लेकर आए। इसके बाद उसका एक्सरे किया गया। तब पता चला कि बाली पेट के अंदर चली गई है। इसके बाद एंडोस्कोपी के जरिये इन बाली को सफलतापूर्वक निकाला गया। तब घर वालों ने राहत की सांस ली।
नहीं निकालती तो करनी पड़ती बड़ी सर्जरी
डाॅ. रिमझिम ने बताया कि यदि एंडोस्कोपी से बाली को नहीं निकल पाते है तो सीधे बड़े सर्जरी (आपरेशन) करने की जरूरत पड़ती है। उन्होंने बताया कि बाली को 15 से 20 मिनट निकाला गया। एंडोस्कोपी से नहीं निकल पाते तो हजारों रुपये खर्च भी हो जाती है।
क्या है एंडोस्कोपी
एंडोस्कोपी एक गैर-शल्य प्रक्रिया है। इसमें डाॅक्टर द्वारा शरीर के अंदरूनी अंगों को देखकर उनका इलाज किया जाता है। इसमें कैमरा लगा होता है, जिसके द्वारा डाॅक्टर मरीज के अंदरूनी अंगों को देखकर इलाज शुरू करते हैं। आमतौर इसको नली मुंह से शरीर के अंदर तक पहुंचाई जाती है।
डाॅक्टरों का कहना- बच्चों को इन चीजें से रखें दूर
– घर में बाली, बाल पेन, पेंसिंल, कैची, धागा, समेत अन्य चीजों को बच्चों को खिलौने के इस्तेमाल करने के रूप में न दें।
– छोटे चीजों को आलमारी में ही रखें, न कि घरों में इधर-उधर फेंके।
– प्राय: बच्चों की उम्र के हिसाब से खिलौने को दे दिया, ताकि मुंह से न निगल पाएं।
– छोटे नाजुक चीजों से खेलने के लिए बच्चों को आदी न करें।
– खाने-पीने के चीजों में किसी भी सब्जी, फल का बीज को निकलकर ही दें।