नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच दिल्ली के मैक्स अस्पताल ने आरोप लगाया है कि उसके यहां आने वाले ऑक्सीजन टैंकर को AIIMS भेज दिया गया. जिसके चलते उसके मरीजों की जान खतरे में पड़ गई है. इसी मामले को लेकर मैक्स अस्पताल ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया और तुरंत सुनवाई की मांग की. ऑक्सीजन के मसले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार से औद्योगिक उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति तुरंत रोकने के लिए कहा.
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको डिमांड और सप्लाई का कोई अंदाज़ा क्यों नहीं है? केंद्र ऑक्सीजन जल्द से जल्द अस्पतालों में भेजने के लिए रोड पर डेडिकेटेड कॉरिडोर बनाए और अगर संभव हो तो ऑक्सीजन को एयरलिफ्ट कराया जाए. हाईकोर्ट ने कहा कि इससे ज़्यादा हम क्या आदेश करें.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि इंडस्ट्रियल इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाली ऑक्सीजन को तुरंत रोका जाए. कोर्ट ने कहा कि लोगों को मरने के लिए यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता. ये एक बहुत गंभीर मुद्दा है, लोगों की जिंदगी उनका मौलिक अधिकार है, आप उनकी जान बचाने के लिए क्या कर रहे हैं?
कोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन उन्ही इंडस्ट्रीज को मिले जो मेडिकल से जुड़े समान बना रही हैं, बाकी स्टील, पेट्रोलियम जैसी इंडस्ट्रीज में तुरंत ऑक्सीजन रोकी जाए. हाईकोर्ट ने कहा कि हमें आश्चर्य है कि हमारे कल आदेश के बाद भी हॉस्पिटल्स को ऑक्सीजन नहीं दी जा रही है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जिन 5 ब्रांच का मैक्स अस्पताल ने ज़िक्र किया है, उनमें तुरंत ऑक्सीजन बिना देर किए पहुंचाई जाए. कोर्ट ने केंद्र को कहा कि तुरंत दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की सप्लाई देकर जरूरत को पूरा किया जाए और उन लोगों की जिंदगी को बचाया जाए जो फिलहाल अस्पतालों में भर्ती हैं. जीने का अधिकार उनका मौलिक अधिकार है.
उधर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हमनें इंडस्ट्रीज को ऑक्सीजन देने से रोकने के लिए पत्र भेजा है. लेकिन कोर्ट ने कहा कि हमें आपने पत्र में क्या लिखा, इससे कोई मतलब है, आपने किया क्या? इंडस्ट्रीज को ऑक्सीजन देना अब तक बंद क्यों नहीं किया गया.
आपको बता दें कि मैक्स अस्पताल साकेत, पड़पड़गंज, शालीमार बाग, वैशाली और गुड़गांव के अस्पतालों में ऑक्सीजन को सप्लाई करना था. जिस पर हाईकोर्ट ने बेहद कड़ा रुख अपनाया. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि हमें आश्चर्य है कि सरकार ज़मीनी सच्चाई से वाक़िफ़ ही नहीं है. हज़ारो लोग देश में मर रहे हैं, ऐसे में स्टील प्लांट चलाना आपकी प्राथमिकता है?