वाशिंगटन। एक भारतीय जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. मृणालिनी दरसवाल ने वर्तमान कोरोना संकट से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए ‘बनाओ, खरीदो और लगाओ’ की रणनीति अपनाने का सुझाव दिया है। 2002 बैच की आइएएस अधिकारी दरसवाल विशेष सचिव (स्वास्थ्य), खाद्य सुरक्षा आयुक्त, औषधि नियंत्रक और दिल्ली सरकार के लिए एचआइवी/एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की परियोजना निदेशक रह चुकी हैं। वर्तमान में वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना पर केंद्रित जनस्वास्थ्य पर डाक्टरेट कर रही हैं।
टीकाकरण की वर्तमान दर से 75 फीसद भारतीयों को टीका लगाने में दो साल लगेंगे
डॉ. मृणालिनी कहती हैं कि एचआइवी और फ्लू जैसे वायरसों के मुकाबले यह वायरस ज्यादा अप्रत्याशित और पकड़ में आने से बचने वाला है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण की वर्तमान दर से 75 फीसद भारतीयों को टीका लगाने में दो साल लगेंगे। लिहाजा सामान्य स्थिति में लौटने के लिए इसकी गति बढ़ाने और आबादी की कवरेज को कई गुना बढ़ाने की जरूरत है। पूरी आबादी की कवरेज के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ना होगा और इसके लिए संभावित रणनीति को उन्होंने ‘बनाओ (बिल्ड), खरीदो (बाइ) और लगाओ (जैब)’ नाम दिया। बता दें कि आइएएस अधिकारी बनने से पहले मृणालिनी पेशे से डाक्टर थीं।
पिछले साल अक्टूबर के बाद से यह पहला मौका है, जब दुनियाभर के देशों में से भारत में एक दिन के कोरोना संक्रमण के मामले सबसे अधिक थे। दुनियाभर के देशों में रोजाना मिलने वाले कोरोना मरीजों की संख्या की लिस्ट में भारत सबसे आगे है। देश के हालात इतने बुरे हैं कि दुनिया में हर चार में से एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति भारत से सामने आ रहा है। भारत प्रतिदिन दुनियाभर में होने वाले नए संक्रमणों की औसत संख्या में सबसे आगे है। हालांकि, भारत में कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के मामले में अमेरिका अग्रणी राष्ट्र बना हुआ है। अमेरिका में 24 घंटे में 1433 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी हे। अमेरिका में मृतकों की संख्या 40 हजार को पार कर गई है और सात लाख 64 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। विशेषज्ञों ने इसके लिए कोरोना के नए वेरिएंट को दोषी बताया है।