नई दिल्ली. देश में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर (Second Wave) ने खतरनाक रूप लेना शुरू कर दिया है. कोरोना से होने वाली मौत लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना के खतरे को कम करने में कारगर रेमडेसिविर (Remdesivir) और ऑक्सीजन (Oxygen) की मांग और खपत कई गुना तक बढ़ गई है. हालात ये हो चुके हैं कि ज्यादातर राज्यों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है. मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की कमी के चलते 25 लोगों की मौत ने राज्य सरकार की नींद उड़ा दी है. महाराष्ट्र और दिल्ली तक में कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन जुटाना मुश्किल हो रहा है.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बाद से कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है. पिछले पिछले तीन दिन में कोरोना के 2.5 लाख से ज्यादा नए केस सामने आए हैं. पहले के मुकाबले कोरोना की दूसरी लहर ज्यादा खतरानाक साबित हो रही है. ज्यादातर मरीजों केा ऑक्सीजन एवं अन्य उपायों की जरूरत पड़ रही है. इस वजह से ज्यादा लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ रही है.
राज्यों से आ रही ऑक्सीजन की डिमांड को पूरा करने के लिए केंद्र ने कमर कस ली है. भारतीय रेलवे ने मेडिकल ऑक्सीन ले जाने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने का फैसला किया है. इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस को बिना किसी रुकावट के जल्द से जल्द राज्यों में भेजा जा सके।
12 राज्यों को 6,177 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने की योजना 19 अप्रैल को महाराष्ट्र से खाली टैंकर लेकर विशेष ट्रेनें विशाखापट्टनम, बोकारो और राउरकेला गईं, जहां से इनमें लिक्विड ऑक्सीजन भरा गया. इसके लिए विशाखापट्टनम, अंगुल और भिलाई में विशेष रैम्प बन रहे हैं ताकि ऑक्सीजन टैंकरों को रेलवे के फ्लैट डिब्बों पर चढ़ाया जा सके. इसके साथ ही कोरोना से सबसे ज्यादा संक्रमित 12 राज्यों को 6,177 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देने की योजना पर काम शुरू हो गया है.