रायपुर। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच राहत वाली खबर है कि जिन लोगों को कोरोना टीके की पहली डोज भी लग गई, उनमें कोविड-19 वायरस के दुष्प्रभाव बहुत ही कम देखने को मिल रहे हैं। यानी टीका लगवाने के बाद ये लोग संक्रमित हो भी रहे हैं तो न तो उनमें बीमारी का कोई लक्षण नजर आ रहा है न ही उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ रही है। बगैर किसी खास इलाज के ये लोग घर पर ही रहकर स्वस्थ हो रहे हैं।
डाक्टरों के मुताबिक, कोरोना टीकाकरण के सकारात्मक परिणाम नजर आने लगे हैं। टीके की वजह से शरीर में बनने वाली एंटीबाडी संक्रमण होने पर खुद ही वायरस से लड़कर उसे खत्म कर रही है। ज्यादातर मामलों में कोरोना के लक्षण भी नजर नहीं आते तो कुछ में हाथ, पैर में दर्द, सर्दी जैसे मामूली लक्षण नजर आते हैं।
सात दिन बाद शुरू हो जाता है एंटीबाडी बनना
डाक्टरों के अनुसार, टीकाकरण के सात दिन बाद शरीर में एंटीबाडी बननी शुरू हो जाती है। कुछ मामलों में यह प्रक्रिया जल्दी भी शुरू हो जाती है। टीका लगवाने के बाद व्यक्ति वायरस की चपेट में आ भी जाता है तो उसके शरीर में एंटीबाडी बनने की प्रक्रिया शुरू होने का उसे फायदा मिल जाता है। यही वजह है कि वायरस ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाता।
जल्द से जल्द लगवाएं टीका
टीका लगवाने के बाद व्यक्ति के शरीर में एंटीबाडी बननी शुरू हो जाती है। व्यक्ति पाजिटिव आ भी जाता है तो उसकी हालत बिगड़ती नहीं क्योंकि एंटीबाडी अपना काम शुरू कर देती है। जरूरी है कि टीकाकरण जल्द से जल्द करवा लिया जाए ताकि संकट को टाला जा सके
50 लाख लोगों ने लगवाया अब तक टीका
राज्य टीकाकरण अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक 50 लाख से लोगों से कोरोना टीका लगवा लिया है। इसका फायदा भी देखेने को मिल रहा है। उम्र के आधार पर लोग सेंटर में जाएं और टीका लगवाएं।
संक्रमण फैलाने की आशंका कम रहती है
टीका लगने के बाद कोई व्यक्ति पाजिटिव आ भी जाता है तो उसकी तबीयत नहीं बिगड़ती। वह आसानी से स्वस्थ हो जाता है। टीकाकरण के बाद संक्रमित होने वाले व्यक्ति का सीटी स्कोर (संक्रमण मापने का एक पैमाना) 30-32 के आसपास रहता है यानी वह संक्रमण फैलाएगा इसकी आशंका कम हो जाती है।
– डॉ. अमर सिंह ठाकुर, टीकाकरण अधिकारी, छत्तीसगढ़