रायपुर। इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं, इसे साबित किया है रायपुर के जुनैद हुसैन ने, किसी कोरोना पॉजिटिव महिला को A positive प्लाजमा की जरूरत हैं । जैसे ही यह मैसेज उन्हे फेसबुक मे शुभम शुक्ला के माध्यम से मिला, तो उन्होंने मरीज के पति अमीत गौतम जी को फोन कर पवित्र रमज़ान माह मे चल रहे रोजे को देखते हुवे रात तक प्लाजमा देने की इच्छा जताई। लेकिन मरीज की तत्काल जरूरत को देखते हुए उन्होने अंततः रोजा तोड कर मदद करने का फैसला किया और इस तरह मरीज की जान बचाने की खातिर जुनैद ने रमजान में रखा रोजा तोड़ते हुए प्लाज्मा डोनेट कर मिसाल कायम की। इससे पहले वह 16 बार ब्लड डोनेट कर चुके है। जुनैद की धर्म से बढ़कर इंसानियत को तरजीह दिए जाने की चर्चा चारो ओर हो रही है।
रायपुर के नेहरू नगर में रहने वाले जुनैद श्री शिवम् में मैनैजमेंट का काम देखते हैं, तथा शहर जिला कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग में प्रवक्ता एवं सोशल मीडिया प्रभारी भी हैं। इन सबके अलावा वह समाज सेवी संगठनों के साथ जुड़कर समाज सेवा के कार्य भी करते है। वे कहते हैं कि समाजसेवा उनका पैसन है। इस काम में वह धर्म की जगह इंसानियत को तरजीह देते हैं। वे बताते हैं कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनहोने खुद को कोरोना की चपेट में आए लोगों की मदद के लिए मानसिक रूप से तैयार किया, ताकि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर सकें।
करोना काल के इस मुश्किल समय में सामाजिक सदभाव की इस तरह कि खबरें सभी को एक बेहतर सोंच देती है और आपसी भाइचारे को मजबूत बनाती है।