कहते हैं किसी इंसान का जीना या मरना ऊपरवाला तय करता है। लेकिन आजकल नीचे के भगवान यानी डॉक्टर भी लोगों की जिंदगी के बारे में फैसला करने लगे हैं। वो भी तब जब मामला डॉक्टर विधायक के क्षेत्र का हो। क्योंकि खुद वो पेशे से डॉक्टर हैं।
विधायक डॉक्टर के क्षेत्र में मौत, मामला गंभीर है
मामला चिरमिरी के डोमनहिल का है। जहां पर वाहिद खान के बुजुर्ग पिता अनीष अहमद की तबीयत अचानक खराब हो गई।कोरोना की लहर चल रही है जाहिर सी बात है कि कोई भी इसकी चपेट में आने से बचेगा। लेकिन ये सारी बातें उस बुजुर्ग के परिवार को नहीं पता थी। लिहाजा वो पहले मनेंद्रगढ़ के ही एक प्राइवेट नर्सिंग होम डॉक्टर परवेज खान के पास लेकर आएं। लेकिन खान साहब के नर्सिंग होम में एक नियम था कि बिना कोरोना जांच के वो किसी भी मरीज को अस्पताल में भर्ती नहीं करेंगे।
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बीमार पिता को लेकर भटकता रहा बेटा
पिता की हालत खराब होती देख वाहिद को कुछ समझ नहीं आ रहा था।लिहाजा उन्होंने कोरोना जांच कराने की ठानी। कोरोना जांच के लिए जैसे ही वाहिद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे तो उन्हें पहले पीपीई किट लाने को कहा गया। क्योंकि स्वास्थ्य केंद्र में पीपीई किट नहीं था। वाहिद ने फिर बीमार पिता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से उठाया और सेंट्रल हॉस्पिटल पहुंचे इस आस के साथ कि वहां पर पीपीई किट मिल जाएगा। लेकिन किस्मत ने सेंट्रल हॉस्पिटल में भी साथ नहीं दिया। वहां भी पीपीई किट के बगैर कोरोना का जांच नहीं किय गया। इसके बाद वाहिद ने शहर के कई मेडिकल सेंटर में पीपीई किट खरीदने के लिए चक्कर लगाए। लेकिन कहीं भी कोई कामयाबी नहीं मिली।
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बिना इलाज के ही मरीज ने तोड़ा दम
ये सब-होते है करीब 5 घंटे बीत गए। इन पांच घंटों में वाहिद के पिता की रही सही हिम्मत भी जवाब देती गई और वो गया जिस उम्मीद में शायद वाहिद अपने पिता को घर से लेकर नहीं निकला था। वाहिद के पिता इस दुनिया को बिना इलाज मिले ही रुकसत कर चुके थे। अब सवाल ये उठता है कि इस मौत का जिम्मेदार कौन है।
मौत का जिम्मेदार कौन ?
विधायक विनय जायसवाल जी ये मौत आपके सरकार और स्वास्थ्य तंत्र पर कई सवाल खड़े करती है। आप पेशे से एक अच्छे डॉक्टर हैं कई लोगों का दर्द समझते हैं । इसलिए स्वास्थ्य सुविधा की आपसे अच्छी जानकारी किसी के पास नहीं होगी। लेकिन आपके विधानसभा क्षेत्र में पीपीई किट नहीं होने से मरीज की जान चले जाना कोई छोटी घटना नहीं है। हम मानते हैं कि पूरे छत्तीसगढ़ में कोरोना की लहर चल रही है। लेकिन हर मरीज कोरोना से पीड़ित नहीं होता।