कोरोना संक्रमण को मोदी सरकार राष्ट्रीय आपदा मानती है या नहीं-शिशुपाल शोरी
कांकेर। संसदीय सचिव छ.ग. शासन एवं विधायक कांकेर शिशुपाल शोरी के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपाईयों के द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन पर ़तंज कसते हुए प्रश्न किया कि भाजपाई कोरोना संकट को राष्ट्रीय आपदा मानते है या नहीं है? यदि राष्ट्रीय आपदा मानते है तो क्या राष्ट्रीय नीति बनाने की आवश्यकता नहीं है कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए आखिर राष्ट्रीय नीति कौन बनायेगा। मोदी सरकार ढुलमूल रवैये एवं राष्ट्रीय आपदा के समय राज्य शासन पर ढीकरा फोड़ने से बाज आये एवं पूरे देश के लिए कोरोना संक्रमण के लिए प्रभावी रोकथाम के लिए सुस्पष्ट नीति तैयार करे। देश के कुछ राज्यों में आक्सीजन का उत्पादन होता है। कुछ राज्यो में कोरोना वैक्सीन बनाये जाते हैै यदि राज्य सरकारे अपने अपने स्तर पर व्यवस्था संबंधी निर्णय लेंगे तो क्या देश में अव्यवस्था का आलम नहीं होगा। आज पूरे देश में वैक्सीन एवं आक्सीजन की मारा मारी है जिन्हें नियमों के तहत संचालित कर पूरे देश में वास्तविक आवश्यकताओं के अनुसार आपूर्ति की आवश्यकता है। माननीय सुप्रीम कोर्ट भी केन्द्र सरकार से उपलब्ध संसाधन उसके उपयोग के संबंध में क्या नीति निर्धारित की गई है जानना चाहती है। किन्तु केन्द्र की मोदी सरकार अपने मूल जवाबदारी से मुह मोड़ते हुए राज्य सरकारो पर अव्यवस्था संबंधी आरोप लगा रही है मोदी सरकार की लचर व्यवस्था का आलम यह है कि एक ही वैक्सीन के तीन अलग-अलग दर निर्धारित किये गये है भाजपाई बताये कि क्या इससे जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी को बढ़ावा नहीं मिलेगा। भाजपाईयों में जनता की थोडी सी भी चिंता है तो केन्द्र की मोदी सरकार को आग्रह करे कि शीघ्र ही कोरोना के नियंत्रण के लिए प्रभावी राष्ट्रीय नीति घोषित कर समस्त संसाधनों की युक्तियुक्त वितरण की व्यवस्था संबंधित राज्यों में निःशुल्क करवाये। अपने असफलता को छुपाने के लिए धरने का ढोंग ना करे ।