रायपुर । कोरोना संक्रमण के चलते बढ़ाए गए लाकडाउन में लोगों को राहत देते हुए जिला प्रशासन ने होम डिलीवरी की छूट तो दे दी है। लेकिन इतने दिनों तक थोक अनाज कारोबारियों को यह छूट नहीं थी, इसकी वजह से रिटलरों के पास सामान की किल्लत बनी हुई है। आटा, मैदा, सुजी, बिस्किट की किल्लत तो सप्ताह की शुरूआत में ही हो गई थी। अब संस्थानों के पास खाद्य तेल की भी किल्लत शुरू हो गई है। इसकी वजह से दाम बढऩे भी शुरू हो गए है। दूसरी ओर जिला प्रशासन ने थोक बाजार रात को खोलने की अनुमति दी है और कहा है कि रात के वक्त थोक बाजार होम डिलीवरी कर सकते है। इसे लेकर व्यापारियों ने नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि थोक बाजार रात के वक्त खोला जाना अव्यावहारिक निर्णय है। चैंबर के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष ललित जैसिंघ ने कहा कि थोक बाजार को रात में खोला जाना मुश्किल है। यह निर्णय पूरी तरह अव्यावहारिक है।
भारतीय जनता यूवा मोर्चा ने भी इस निर्णय को पूरी तरह से अव्यावहारिक कहा है। भाजयूमो के प्रदेश प्रभारी उमेश घोरमोड़े ने कहा कि ऐसे निर्णयों से प्रदेश की जनता एक बार फिर से कालाबाजारी व कीमतों में मनमानी की शिकार होगी। उन्होंने कहा कि आम जनता तक सामान पहुंचाने के लिए शुरू की गई छत्तीसगढ़ हाट एप आखिर कहां गुम हो गई।
निगम ने हर जोन के लिए होम डिलीवरी नंबर जारी किया है: नगर निगम के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने बताया कि इस बार किसी प्रकार का एप जारी नहीं किया जा रहा है। आम जनता की सुविधा के लिए हर जोन में होम डिलीवरी के लिए नंबर जारी कर दिए गए है। इन नंबरों पर काल कर उपभोक्ता अपनी आवश्यकता की वस्तुएं मंगा सकता है। इसके साथ ही अभी दूसरे संस्थानों को भी होम डिलीवरी की अनुमति दे दी गई है।