आगरा । कोरोना वायरस की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत की खबरें देश के कोने-कोने से आ रही है। ऑक्सीजन की कमी से हजारों लोग अपनी जान गंवा रहे है। एक ऐसी ही खबर उत्तर प्रदेश से सामने आई है, जहां सांस लेने में तफलीफ से जूझ रहे पति को एक महिला मुंह के जरिए ऑक्सीजन देने की कोशिश कर रही है। इस महिला का फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस फोटो को देख लोग भावुक हो उठे है। महिला का नाम रेणु सिंघल है। वो अपने बीमार पति को लेकर तीन-चार अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद ऑटो रिक्शा से एक सरकारी अस्पताल पहुंची, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी।
पति को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
पति की जान बचाने के लिए रेणु ने अपनी सांस भी मुंह के जरिए अपने पति को दी, मगर अफसोस वो उनकी जिंदगी बचाने में सफल न हो सकी। घटना 23 अप्रैल की है। आगरा के आवास विकास सेक्टर सात की रहने वाली रेणू सिंघल के पति रवि सिंघल की तबीयत अचानक से बिगड़ गई। रेनू अपने परिजनों के साथ रवि को लेकर तुरंत अस्पताल भागीं। श्रीराम हॉस्पिटल, साकेत हॉस्पिटल और केजी नर्सिंग होम में अपने पति को भर्ती कराने की गुहार लगाई, लेकिन इन अस्पतालों में बेड खाली नहीं थे, इसलिए रवि को भर्ती नहीं किया गया।
छूने से भी फैल जाने वाली इस बीमारी के दौर में, सांसों से सांस देने की हिम्मत करना पूरी तरह मूर्खता है, मगर मोहब्बत है, बेबसी है, तड़प है; अपनों को बचाने की आखिरी कोशिश है। ऐसे हालात में खुद के जान की परवाह कहाँ होती है।
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इसके बाद वो अपने पति रवि सिंघल को सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल लेकर पहुंची। उसके पति को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उसे बचाने के लिए रेणू ने अपने मुंह से भी सांस देने की कोशिश की, लेकिन एसएनएमसी के डॉक्टरों ने रवि को मृत घोषित कर दिया। रेनू का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके पति 47 साल के थे। आपको बता दें कि आगरा से ऐसी तमाम खबरे आ रही है, जिनमें कोरोना मरीज को अस्पताल में बेड ना मिलने पर उनकी जान जा रही है। हाल ही में एसएन मेडिकल कॉलेज में 70 साल के गोविंद प्रसास गर्ग को भर्ती नहीं किया गया। उन्हें बुखार आ रहा था। सांस लेने में परेशानी हो रही थी। जिसके बाद उन्होंने कॉलेज के बाहर दम तोड़ दिया।